सोन प्रभात / सोनभद्र – राजेश पाठक
- प्रत्येक पर 1.75 लाख रुपये अर्थदंड, न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद
- लापरवाह विवेचक के विरुद्ध होगी कार्रवाई, अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए पुलिस महानिदेशक लखनऊ को पत्रक भेजा
- 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ साढ़े आठ वर्ष पूर्व सामुहिक दुष्कर्म के बाद गला दबाकर हत्या करने का मामला
- अर्थदंड की समूची धनराशि 3 लाख 50 हजार रुपये पीड़ित पक्ष को मिलेगा
सोनभद्र। साढ़े आठ वर्ष पूर्व आर्केस्ट्रा देखने गई 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ युवकों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म करने एवं गला दबाकर उसकी हत्या करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सोनभद्र पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषियों संतोष गुप्ता एवं श्यामू यादव को उम्रकैद एवं प्रत्येक को एक लाख 75 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। जबकि कोर्ट ने लापरवाह विवेचक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए पुलिस महानिदेशक लखनऊ को पत्रक भेजा है। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि 3 लाख 50 हजार रुपये पीड़ित पक्ष को मिलेगी।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक घोरावल कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 10 मई 2013 को दी तहरीर में आरोप लगाया था कि 9 मई 2013 को गांव में आई बारात में आर्केस्ट्रा आया था, जिसे देखने के लिए रात्रि में उसकी 14 वर्षीय नाबालिग बेटी गई थी। जिसके साथ अज्ञात लोगों ने सामुहिक रूप से दुष्कर्म करने के बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दिया और शव को खेत में फेंक दिया। इस तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। पुलिस विवेचना के दौरान तीन लोगों का नाम प्रकाश में आया था। जिसमें आरोपी मानवेन्द्र सिंह उर्फ करिया सिंह निवासी पीडरिया थाना घोरावल की मौत हो गई। जबकि दो अभियुक्तों संतोष गुप्ता पुत्र मटर गुप्ता एवं श्यामू यादव पुत्र मंगल यादव निवासी पीडरिया थाना घोरावल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर संतोष गुप्ता एवं श्यामू यादव के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषियों संतोष गुप्ता एवं श्यामू यादव को उम्रकैद एवं प्रत्येक को एक लाख 75 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जबकि लापरवाह विवेचक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए पुलिस महानिदेशक लखनऊ को पत्रक भेजा है। वही अर्थदंड की समूची धनराशि 3 लाख 50 हजार रुपये पीड़ित पक्ष को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश अग्रहरि एवं सत्य प्रकाश त्रिपाठी एडवोकेट ने बहस की।

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