काव्य रंग : “लूटो खाओ मौज मनाओ बढ़िया है…” – कवि यथार्थ विष्णु
काव्य रंग – सोन प्रभात / संकलन – आशीष गुप्ता लूटो खाओ मौज मनाओ बढ़िया है जो भी टोके यार डराओ बढ़िया है हाँ अहसान किये मुझ पर आभारी हूँ तुम कहकर अहसान जताओ बढ़िया है जिसके कारण हाल हमारा है ऐसा वह कहते है और सुनाओ? बढ़िया है पाँच किलो राशन पाकर हम…

