सोनभद्र / सोन प्रभात
सोनभद्र। शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी सोनभद्र व बार एसोसिएशन सोनभद्र के संयुक्त तत्वावधान में पूर्व प्रधानमंत्री साहित्यकार पत्रकार अजातशत्रु राजनेता अटल बिहारी वाजपेई को चौबिस दिसंबर मंगलवार जन्मदिन की पूर्व संध्या पर कचहरी सोनभद्र सभागार में कवियों ने विविधता युक्त काव्य पाठ कविगोष्ठी कर बहाई काव्य गंगा।
अटल जी व मां शारदे के चित्र पर माल्यार्पण अध्यक्षता कर रहे पारसनाथ मिश्र व बार एसोसिएशन सोनभद्र के अध्यक्ष अरुण कुमार मिश्र ने किया। वाणी वंदना करते हुए दिवाकर द्विवेदी मेघ ने,,शारदे मां प्रखर ज्ञान का प्रकाश दे। चतुर्दिक तिमिर का विनाश दे सुनाकर पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। संयोजक प्रदुम्न त्रिपाठी एडवोकेट ने,, कवि कुल शिरोमणि अटल को समर्पित रचना,फूल से भी कोमल पाहन से सख्त थे ,अंतह करण विशुद्ध था भारत के भक्त थे सुनाया और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया। संचालन कर रहे अशोक तिवारी एडवोकेट ने ग़ज़ल , हमने तुमसे प्यार किया और क्या किया। यूं जिंदगी गुजार दिया और क्या किया सुनाया और गतिज ऊर्जा दिये।
युवा गीत कार दिलीप सिंह दीपक ने बुजुर्गो ने लहू देकर रक्खी है आबरू इसकी।तुम सब कुछ बेच दो लेकिन हिंदुस्तान मत बेचो सुनाया और सत्ता को नसीहत दिया।ओज के कवि प्रभात सिंह चंदेल ने, है हमें बचाना अपना भारत आग लगाने वालों से सुनाकर लोगों में देशभक्ति का संचार किया सराहे गए। राष्ट्र वाद व श्रृंगार की श्रेष्ठ कवयित्री कौशल्या कुमारी चौहान ने, कदम कदम पर जीत लिखो पत्थर पर भी गीत लिखो नफ़रत द्वेष रहे ना साथी सबके दिल में प्रीत लिखो सुनाया और महफ़िल लूट लिया। धर्मेश चौहान एडवोकेट ने, सभी मजहब पंथ कहते प्यार कर, बात मेरी मान ले यार मत इंकार कर सुनाया और कौमी एकता का पाठ पढ़ाया। दया नंद दयालु ने लोकभाषा में गीत सुनाकर माटी की सोंधी महक विखेरा।
जयराम सोनी अपनी रचना व तीखे व्यंग से लोगों को देर तक हंसाते रहे। अब्दुल हई ने शायरी,रो के बुलबुल ने कहा कैद से रिहा न करो,गुलसितां पर अभी सैयाद के पहरे होंगे के माध्यम से जागरण किये। जुल्फेकार हैदर खान ने कता, होगा गर प्यार जो तकरार भी मुमकिन, इंकार गर होगा तो इजहार भी मुमकिन सुनाया और शमां बांध दिए।
मदन चौबे एडवोकेट ने अपनी कविता से अटल जी को याद किया तो वहीं राकेश शरण मिश्र ने बेहतरीन भावाविभूत होकर अटल जी को समर्पित रचना से शब्द सुमन अर्पित किया। वरिष्ठ कवि अजय चतुर्वेदी काका ने देर तक चुटीले हास्य व्यंग सुनाकर लोगों को हंसाते रहे। इतिहास कार दीपक केसरवानी ने अटल जी पर वक्तव्य दिया तो वहीं वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश पंथी ने प्यार तुम्हारा मिला कि सावन बरस गया सुनाया और वाहवाही बटोरी।अध्यक्षीय उद्बोधन व अटल जी पर वक्तव्य देकर वरिष्ठ साहित्यकार पारसनाथ मिश्र ने अपने खंडकाव्य रामानुज भरत से काव्य पाठ कर पूर्णता प्रदान किये। इस अवसर पर शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी सोनभद्र प्रदुम्न त्रिपाठी एडवोकेट ने नवनिर्वाचित बार अध्यक्ष महामंत्री का सारस्वत अभिनंदन किया तो वहीं सभी कवियों को बार एसोसिएशन के तरफ से अंगवस्त्र देकर अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र पाठक, आत्मप्रकाश त्रिपाठी, देवानंद पांडेय, जयशंकर त्रिपाठी, शिखा आद्या, अंशिका मृत्युंजय, ऋषभ ठाकुर कुशवाहा, पुरुषोत्तम कुशवाहा, फारुख अली हाशमी, गोपाल, उमाशंकर पांडेय एडवोकेट, शिवेंद्र तिवारी एडवोकेट आदि देर शाम तक जमे रहे।
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