Sonprabhat Digital Desk
सोनभद्र। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने एक महत्वपूर्ण फैसले में दुष्कर्म के दोषी लालबहादुर को 20 वर्ष की कठोर कैद और 55 हजार रुपये का अर्थदंड सुनाया है। अर्थदंड न देने पर तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 40 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी।
इस मामले में पीड़िता के पिता ने 8 सितंबर 2021 को न्यायालय में धारा 156(3) सीआरपीसी के प्रार्थना पत्र में अवगत कराया था कि उसकी 9 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ लालबहादुर ने जबरन बलात्कार किया था। पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू की और विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, 7 गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी लालबहादुर को 20 वर्ष की कठोर कैद एवं 55 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 40 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की। यह फैसला न्याय की जीत के रूप में देखा जा रहा है और पीड़िता को न्याय मिलने की उम्मीद है।

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