Sonbhadra News/Report: Sanjay Singh
सोनभद्र : ओबरा सी पावर प्रोजेक्ट के लिए कथित तौर पर “आफ द रिकार्ड” हजारों पेड़ों की कटाई के आरोपों के चलते राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने जिले के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) को सख्त निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई की तिथि पर डीएफओ को सशरीर या वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहने और विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने को कहा गया है।
एनजीटी ने पूछा है कि ओबरा सी प्रोजेक्ट के लिए जिन पेड़ों की कटाई आधिकारिक रूप से दर्ज की गई है, उनके प्रतिपूरक वनीकरण (कंपेंसेटरी अफॉरेस्टेशन) की क्या स्थिति है। साथ ही, अनपरा डी प्रोजेक्ट के लिए प्रस्तावित पेड़ों की कटाई और उससे संबंधित प्रक्रिया की जानकारी भी तलब की गई है।
ओबरा सी प्रोजेक्ट में 50 हजार पेड़ों की कटाई का दावा
बताते चलें कि ओबरा सी प्रोजेक्ट के लिए लगभग 50 हजार पेड़ों की कटाई का दावा करते हुए एनजीटी को शिकायत भेजी गई थी। शिकायत में कहा गया था कि अनपरा डी प्रोजेक्ट के लिए भी हजारों पेड़ों की कटाई की योजना है। इसको लेकर स्थानीय निवासियों और पर्यावरणविदों ने एनजीटी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी।
एनजीटी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ओबरा सी प्रोजेक्ट और डीएफओ से पूरी जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान बताया गया कि ओबरा सी प्रोजेक्ट के लिए लगभग 5,000 पेड़ों की कटाई की अनुमति ली गई थी। यह जानकारी एनजीटी के सामने पेश की गई।
एनजीटी की सख्त टिप्पणी
एनजीटी की प्रधान पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और एक्सपर्ट मेंबर डॉ. अफरोज अहमद शामिल थे, ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण और वन क्षेत्र की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि पेड़ों की कटाई के लिए दी गई अनुमति और उसके बदले में किए गए प्रतिपूरक वनीकरण की प्रगति का विस्तृत ब्यौरा अगली सुनवाई में प्रस्तुत किया जाए।
क्या है आगे की प्रक्रिया?
ओबरा सी और अनपरा डी प्रोजेक्ट से जुड़े यह प्रकरण पर्यावरणीय संतुलन को लेकर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। एनजीटी ने इस मुद्दे पर कड़ी निगरानी रखते हुए यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि पेड़ों की कटाई केवल निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं के तहत ही हो।
अब सभी की निगाहें अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां डीएफओ को पेड़ों की कटाई और प्रतिपूरक वनीकरण की स्थिति पर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करनी होगी। साथ ही, अनपरा डी प्रोजेक्ट में पेड़ों की कटाई को लेकर भी पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी।
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