रामचरितमानस-: “मम पुर बसि तपसिन्ह पर प्रीति। सठ मिलु जाइ तिन्हहि कहु नीति। “- मति अनुरुप- अंक 36. जयंत प्रसाद

सोनप्रभात- (धर्म ,संस्कृति विशेष लेख)  – जयंत प्रसाद ( प्रधानाचार्य – राजा चण्डोल इंटर कॉलेज, लिलासी/सोनभद्र ) –मति अनुरूप– ॐ साम्ब शिवाय नम: श्री हनुमते नमः   मम पुर बसि तपसिन्ह पर प्रीती। सठ मिलु जाइ तिन्हहि कहु नीती। श्री रामचरितमानस में जब विभीषण जी ने पुनः पैर पकड़ कर रावण से सीता को सादर … Continue reading रामचरितमानस-: “मम पुर बसि तपसिन्ह पर प्रीति। सठ मिलु जाइ तिन्हहि कहु नीति। “- मति अनुरुप- अंक 36. जयंत प्रसाद