June 23, 2025 10:40 PM

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Sonbhadra News : गौरैया दिवस की पूर्व संध्या पर काव्य गोष्ठी का आयोजन, संरक्षण का लिया संकल्प

Sonbhadra News : उत्सव ट्रस्ट द्वारा 2019 से चलाए जा रहे गौरैया संरक्षण अभियान के तहत अब तक 5000 से अधिक स्वनिर्मित घोंसले लगाए जा चुके, सोनभद्र समेत विभिन्न शहरों में चल रही जागरूकता पहल, काव्य गोष्ठी में कवियों ने गौरैया संरक्षण पर किया भावपूर्ण काव्यपाठ,

Sonbhadra News | Sonprabhat | Sanjay Singh

सोनभद्र : संकटग्रस्त गौरैया के संरक्षण को लेकर उत्सव ट्रस्ट के तत्वावधान में बुधवार को रॉबर्ट्सगंज स्थित ट्रस्टी आशीष पाठक के आवास पर भव्य काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आयोजन हिन्दी साहित्यिक पत्रिका असुविधा के संपादक रामनाथ शिवेंद्र की अध्यक्षता में संपन्न हुआ, जबकि संचालन प्रद्युम्न तिवारी एडवोकेट ने किया।

गौरैया संरक्षण में उत्सव ट्रस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका

गौरैया संरक्षण के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से उत्सव ट्रस्ट के ट्रस्टी आशीष पाठक वर्ष 2019 से इस अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। ट्रस्ट द्वारा सोनभद्र, वाराणसी, लखनऊ, गोंडा, इलाहाबाद, बाराबंकी एवं दिल्ली सहित विभिन्न स्थानों पर अब तक लगभग 5000 स्वनिर्मित घोंसले लगाए जा चुके हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य न केवल गौरैया, बल्कि अन्य विलुप्त होती प्रजातियों के संरक्षण के प्रति समाज में जागरूकता उत्पन्न करना है।

काव्य गोष्ठी में हुआ सराहनीय काव्यपाठ

गोष्ठी की शुरुआत कवि सुधाकर पाण्डेय ‘स्वदेश प्रेम’ द्वारा “वर दे शारदे मां वर दे” वाणी वंदना से हुई। इसके बाद एक से बढ़कर एक कविताओं का पाठ हुआ, जिनमें गौरैया संरक्षण का संदेश प्रमुखता से उभरा।

  • भोली गौरैया तू छोड़ अंगनईया के कहाँ जाई गईलू लुकाई हो चिरईया – सिद्धनाथ पाण्डेय
  • गौरैया बचाने का शुभ काम हो रहा है, उत्सव ये कोशिशों का सुबह-शाम हो रहा है – अभय कुमार शर्मा
  • फिरकापरस्ती परिंदे नहीं करते, हम आदमी होकर भी क्या-क्या नहीं करते – अशोक तिवारी
  • परिंदे अब मुंडेरों पर कभी आया नहीं करते – अब्दुल हई
  • कहाँ गई गौरैया, फिर से आओ मेरे द्वार – धर्मेश चौहान
  • मुझे मेरी चिड़िया रानी बेहद प्यारी लगती है – कौशल्या चौहान
  • आँगन की मेरे किलकारी, कहाँ गई गौरैया प्यारी – राधेश्याम पाल

इनके अलावा प्रभात सिंह चंदेल, प्रद्युम्न त्रिपाठी, दिलीप सिंह ‘दीपक’, गोपाल कुशवाहा, अलका केसरी, दिवाकर ‘मेघ’ समेत अन्य साहित्यकारों ने भी अपने सशक्त रचनाओं के माध्यम से गौरैया संरक्षण का संदेश दिया।

गौरैया बचाने का संकल्प

इस अवसर पर डॉ. श्री प्रकाश पाठक, स्वामी अरविंद सिंह, संतोष कुमार सिंह, डॉ. चंद्र भूषण देव पाण्डेय, देवेंद्र कुमार त्रिपाठी, मनीष पाठक समेत कई गणमान्यजन उपस्थित रहे। सभी ने गौरैया एवं अन्य लुप्त होती प्रजातियों के संरक्षण हेतु मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया।

“हमने यह प्रण ठाना है, गौरैया को बचाना है” के दृढ़ निश्चय के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस आयोजन ने गौरैया संरक्षण को लेकर जनचेतना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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