February 12, 2025 10:09 AM

Menu

Sonbhadra News : ग्राम पंचायत की संपत्ति पर प्रधान का कब्जा, सरकारी धन की खुली लूट

रिश्तेदारों के घर तक पक्की सड़क, निजी खेतों की सिंचाई के लिए हैंडपंप, मनरेगा में फर्जीवाड़ा और पक्षपातपूर्ण भुगतान जैसे गंभीर आरोप; ग्रामवासियों ने जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की

सोनभद्र | सोनप्रभात | वेदव्यास सिंह मौर्य

Sonbhadra News : नगवां विकासखंड के ग्राम पंचायत नंदना में ग्राम प्रधान द्वारा सरकारी धन के दुरुपयोग का गंभीर मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान ने ग्राम पंचायत की संपत्ति को अपनी निजी संपत्ति समझकर मनमाने तरीके से सरकारी धन का उपयोग किया है। यदि जिला प्रशासन निष्पक्ष जांच करे, तो सच्चाई उजागर हो सकती है।

रिश्तेदारों के घर तक बनाए जा रहे पक्के रास्ते

ग्रामवासियों के अनुसार, ग्राम प्रधान अपने परिवार के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं। बताया गया है कि ग्राम प्रधान ने अपने दो सगे चाचाओं के घर तक पक्की आरसीसी सड़क का निर्माण करवाया है, जिस पर लाखों रुपये खर्च किए जा चुके हैं। विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि इस कार्य का भुगतान भी काफी हद तक पूरा हो चुका है।

हैंडपंप रिबोर के नाम पर निजी खेत की सिंचाई

ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान ने अपने ही खेत में चार जगह बोरिंग कराकर समरसेबल पंप लगवाए हैं, जिससे उनकी निजी खेती की सिंचाई हो रही है। जब इस विषय पर पूर्व में ग्रामीणों ने आपत्ति जताई, तो ब्लॉक प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

मनरेगा में भारी अनियमितताएँ

ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के तहत भी व्यापक भ्रष्टाचार सामने आया है। ग्रामीणों का कहना है कि कई मजदूरों के नाम पर मस्टर रोल में फर्जी प्रविष्टियाँ कर धनराशि निकाली गई, जबकि वास्तविक रूप से उन मजदूरों ने कोई कार्य ही नहीं किया। समतलीकरण के नाम पर सरकारी धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया गया है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

एपीओ पर पक्षपातपूर्ण भुगतान का आरोप

सूत्रों के अनुसार, नगवां विकासखंड में एपीओ (सहायक परियोजना अधिकारी) द्वारा पक्षपातपूर्ण तरीके से मनरेगा का भुगतान किया जा रहा है। मनरेगा की निर्धारित 60/40 भुगतान नीति को दरकिनार कर कुछ विशेष ग्राम पंचायतों को अधिक धनराशि आवंटित की जा रही है। यदि पिछले चार वर्षों के दौरान हुए भुगतान की निष्पक्ष जांच कराई जाए, तो बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है।

खंड विकास अधिकारी का मोबाइल स्विच ऑफ

जब इस संबंध में खंड विकास अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उनका मोबाइल नंबर नॉट रीचेबल मिला। ग्रामीणों का कहना है कि भ्रष्टाचार का मुख्य कारण कई वर्षों से एक ही स्थान पर जमे हुए जूनियर इंजीनियर (JE) और अन्य अधिकारी हैं, जो मिलीभगत से सरकारी धन की बंदरबांट कर रहे हैं।

Ad- Shivam Medical

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

For More Updates Follow Us On

For More Updates Follow Us On