December 8, 2024 5:12 AM

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Sonbhadra News: कनहर और सोन नदी में अबैध खनन, विभाग की मिलीभगत से बिना परमिट के बालू वाहन खुले आम चल रहा।

Sonbhadra News/Report: जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी ब्यूरों चीफ सोनभद्र

कोन, सोनभद्र। ओबरा वन प्रभाग के चोपन, कोन के  सोन नदी व  रेणुकूट  वन प्रभाग के  विंढमगंज वन रेंज के अन्तर्गत बौधाडीह, कोरगी कनहर नदी  के अलावा सोन नदी के ब्रह्मोरी बालू साइड के संचालकों द्वारा खुलेयाम  एनजीटी के नियमों का उल्लंघन् किया जा रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार विंढमगंज वन रेंज के कोरगी,बौधाडीह कनहर नदी से संबंधित विभाग की मिलीभगत से विना परमिट ओवरलोड गाड़ियां वन रेंज कोन की सड़कों पर  सरपट दौड़ रही है और वहीं दूसरी तरफ अबैध खनन करने का सिलसिला अनवरत जारी है। जिससे इन माफियाओं द्वारा सरकार के राजस्व की भारी क्षति पहॅुचाई जा रही है ।

जहां अबैध खनन कर्ताओं के हौसलें बुलंद हैं। नाम न छापने की शर्त पर स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ दिन पूर्व वन रेंज कोन के संबंधित  अधिकारियों  के द्वारा विना परमिट की गाड़ी पकड़ी गई थी किन्तु उसे किन कारणों से छोड़ दिया गया जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। जिसके क्रम में स्थानीय लोगों के द्वारा राजस्व व जनहित को देखते हुए  शिकायत सम्बन्धित विभाग से किया जा चुका है। लेकिन कोई कार्यवाही न होने की स्थिति में लोगों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि खनन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए नदी के अन्य जगहों से रास्ता बनाकर जंगली जगहों पर डंप करते हैं और वहाँ से अबैध तरीके से बालू का परिवहन किया जाता है।

इस प्रकिया से न केवल नदी के प्राकृतिक प्रवाह में रुकावट आ रही है बल्कि पर्यावरण संरक्षण कानूनों का उलंघन कर अनदेखा किया जा रहा है। भारतीय खनिज संरक्षण नियम के तहत नदी के भीतर खनन करना और किसी भी प्रकार का निर्माण करना अवैध है। इसके वावजूद ब्रह्मोरी , कोरगी, बौधाडीह बालू साइड में नदी के बीचो बीच अवैध रास्ता बनाकर दिन रात अवैध बालू खनन किया जा रहा है।

सोन नदी, कनहर नदी  पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986, वन संरक्षण अधिनियम, 1928, जल प्रदुषण की रोकथाम और नियंत्रण अधिनियम, 1974-29, और वायु प्रदूषण के रोकथाम और नियंत्रण अधिनियम, 1981-30 और वन्य जीवन संरक्षण अधीनियम, 1972, और खान और खनिज, विकास और विनियमन 1957 के तहत सुनिश्चित है कि नदी की बहाव और जैव विविधता सुरक्षित रहे लेकिन पोकलेन मशीनों के उपयोग से नदी की प्राकृतिक स्वरूप को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। वहीं ब्रह्मोरी, कोरगी, बौधाडीह बालू साइड में हो रहे अवैध खनन व  प्रदर्शित कर रहा है कि सम्बन्धित विभाग की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है।

खनन गतिविधियों में हो रही अनिमियताओ को लेकर स्थानीय लोगों ने अवैध खनन पर चिंता वयक्त करते हुए कहा है कि यदि जिला प्रशासन द्वारा ब्रह्मोरी, कोरगी, बौधाडीह साइड पर हो रहे भ्रस्टाचार व एनजीटी के नियमों का उल्लंघन करने वाले पट्टाधारको व  अबैध खनन , विना परमिट के परिवहन करने  पर तत्काल प्रभाव से कानूनी कार्यवाही नही की गयी तो स्थानीय लोग सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे।

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