Sonprabhat Digital Desk
प्रयागराज : महाकुंभ 2025 के दौरान मंगलवार की रात मौनी अमावस्या स्नान के समय बड़ा हादसा हो गया। संगम नोज के पास देर रात भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 30 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई और 24 लोग घायल हो गए। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, घायलों को तुरंत एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह हादसा देर रात एक से दो बजे के बीच हुआ। बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम नोज की ओर बढ़ रहे थे, तभी अचानक भीड़ का एक बड़ा रेला तेजी से पीछे से आ गया। कई लोग असंतुलित होकर नीचे गिर गए और बाकी भीड़ उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ गई। घटना स्थल पर चीख-पुकार मच गई और अपनों को बचाने के प्रयास में कई अन्य लोग भी भगदड़ की चपेट में आ गए।
घटनास्थल पर अफरा-तफरी, प्रशासन की तत्परता
जैसे ही सूचना मिली, एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं और घायलों को प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों में भेजा गया। वहां मृत घोषित किए गए श्रद्धालुओं के शवों को मेडिकल कॉलेज स्थित मर्चरी ले जाया गया। मृतकों में से 7 की पहचान हो चुकी है, जिनमें से कुछ प्रयागराज, बिहार, झारखंड और कोलकाता के रहने वाले थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान
हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि कुछ श्रद्धालु बैरिकेडिंग फांदकर आगे बढ़े, जिससे यह हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि कुछ श्रद्धालु चोटिल हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।
पीएम मोदी ने सीएम योगी से चार बार की फोन पर बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चार बार फोन पर चर्चा की और घायलों के उपचार एवं राहत कार्यों को लेकर निर्देश दिए। गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी मुख्यमंत्री से बात कर घटना की जानकारी ली।
अखाड़ों ने बदला अमृत स्नान का समय
हादसे के बाद कुंभ मेले में मौजूद 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान का समय आगे बढ़ाने का फैसला किया। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने बताया कि भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए संत समाज ने सर्वसम्मति से मौनी अमावस्या पर होने वाले अमृत स्नान को स्थगित कर दिया है।
दोपहर में प्रतीकात्मक रूप से हुआ पुनः स्नान
घटना के बाद प्रशासन और संत समाज की सहमति से दोपहर के समय पुनः स्नान शुरू किया गया। हालांकि, यह स्नान पूरी सुरक्षा के साथ प्रतीकात्मक रूप से संपन्न हुआ, जिसमें अखाड़ों और श्रद्धालुओं की सीमित संख्या ही सम्मिलित हुई। संतों ने इस निर्णय को श्रद्धालुओं की आस्था और महाकुंभ की परंपरा को बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया।
शोक और संवेदनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुर्घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। जिन श्रद्धालुओं ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”

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