gtag('config', 'UA-178504858-1'); अपराधियों पर कोतवाल मेहरबान, पीड़ित पत्रकार हुआ बेहाल। - सोन प्रभात लाइव
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अपराधियों पर कोतवाल मेहरबान, पीड़ित पत्रकार हुआ बेहाल।

सोनभद्र – जितेंद्र चंद्रवंशी – सोन प्रभात

सोनभद्र- विगत 28 अगस्त की शाम लगभग 7:30 बजे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय हिंदी दैनिक समाचार पत्र भारत कनेक्ट के जिला ब्यूरो अजीत सिंह पर आपराधिक तत्वों ने जानलेवा हमला कर दिया। हमले की जानकारी तत्काल पत्रकार ने स्थानीय थाना ओबरा को दी जिस पर पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन पुलिस प्रशासन के पहुंचने से पहले ही अपराधी नौ दो ग्यारह हो चुके थे फिर मामला थाने जा पहुंचा जब कोतवाल मिथिलेश मिश्रा को अपराधियों का नाम संज्ञान में आया तो कोतवाल साहब द्वारा मामले में लीपापोती करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया। कोतवाल साहब के सामने एक गंभीर समस्या खड़ी हो गई कि हमला पत्रकार पर हुआ था इसलिए मामला भी दर्ज करना था और अपराधियों के साथ पुलिस विभाग की अच्छी सांठगांठ होने के कारण अपराधियों को बचाना भी था अब इस हालत में पीड़ित पत्रकार अजीत सिंह पर कोतवाल मिथिलेश मिश्रा ने दबाव बनाते हुए अपनी इच्छानुसार लिखित आवेदन पत्र लिखवाकर सामान्य धाराओं के अंतर्गत मामला पंजीकृत कर लिया गया तथा दिखावे के लिए कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी भी की गई लेकिन सामान्य धाराएं होने के कारण अपराधी अगले दिन ही जमानत पर छूटकर पुनः पत्रकार और उसके पूरे परिवार को जान से मारने की लगातार धमकी दे रहे हैं जिससे पत्रकार व उसका पूरा परिवार डरा व सहमा हुआ है तथा अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहा है। ओबरा पुलिस कि इस प्रकार की कार्यप्रणाली को देख सोनभद्र के पत्रकारों में आक्रोश है और इस पूरे मामले में धारा बढ़ाने की मांग को लेकर पत्रकारों का समूह पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा लेकिन पुलिस कप्तान डॉ. यशवीर सिंह की व्यस्तता के कारण पीड़ित पत्रकार का आवेदन स्वीकार नहीं किया गया तथा पत्रकार को सोमवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया। हम आपको बता दें कि पत्रकारों पर हमले के मामले में उत्तर प्रदेश, देश में सबसे बद्तर राज्य और पुलिस की सबसे बुरी कार्यप्रणाली है। लोकसभा में पेश राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक 2013 से अब तक देश में पत्रकारों पर सबसे ज्यादा हमले उत्तर प्रदेश में हुए है. 2013 से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर हमले के 67 केस दर्ज हुए हैं. दूसरे नंबर पर 50 मामलों के साथ मध्य प्रदेश और तीसरे स्थान पर 22 हमलों के साथ बिहार है. अंग्रेजी में कहावत है ‘पेन इज माइटियर देन स्वॉर्ड’ यानी ‘कलम तलवार से अधिक शक्तिशाली है’, लेकिन उत्तर प्रदेश में कलम से ज्यादा ताकतवर प्रशासन हैं, पुलिस और अपराधी ये अक्सर पेन की निब तोड़ देते हैं। उत्तर प्रदेश में सरकार कोई सी भी रही हो, लेकिन पत्रकारों को धमकाने, पीटने और हत्या के मामलों में कोई कमी नहीं आई है, भारत में पत्रकारों का बुरा हाल है, वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2019 की माने तो भारत में पत्रकारों की स्वतंत्रता और उनकी सुरक्षा दोनों ही खतरे में है. भारत और मेक्सिको में पत्रकारों के साथ मारपीट जैसे अपराध पहली बार नहीं हुए हैं बल्कि इससे पहले भी पत्रकार शिकार हुए हैं. वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स के अनुसार मेक्सिको पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक जगह है, और दूसरे स्थान पर भारत ने जगह ले रखा है। जब पुलिस प्रशासन की इस प्रकार की कार्यप्रणाली रहेगी तो जल्द ही भारत पत्रकार उत्पीड़न में प्रथम स्थान पर भी आ जाएगा। सूत्रों के अनुसार पत्रकार पर हमला करने वाले आरोपी रिक्की अग्रवाल अल्तमस, शेरा और शुभम् यह सभी ओबरा थाने के हिस्ट्रीशीटर बदमाश हैं और इनकी पहुंच सिर्फ प्रशासन तक ही नहीं बल्कि शासन में बैठे हुए राजनैतिक नेताओं से भी हैं और इस पूरे मामले में कहीं ना कहीं बुलडोजर बाबा के अधीनस्थ मंत्रियों की संलिप्तता की बू आ रही है अब इस पूरे मामले में देखने वाली बात यह होगी कि क्या उचित धाराएं लगाकर प्रशासन पीड़ित पत्रकार को न्याय दिलाएगा या फिर अपराधियों के हाथ पूरे तरीके से बिक जाएगा।

Ashish Kumar Gupta

Ashish Kumar Gupta is an Indian news anchor and journalist, who is the managing director and editor-in-chief of Son Prabhat Web News Service Private Limited Sonbhadra India. In the field of journalism, this journalist, who constantly talks about social interest and public welfare with his pen, is establishing a new dimension in the journalism of the district. Email - Editor@sonprabhat.live

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