बार-बार एक जगह तैनात लेखपाल की विशेष कहानी, प्रशासन फिर भी मजबूर क्यों ?
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डाला / सोनभद्र – अनिल कुमार अग्रहरि/ सोन प्रभात
सोनभद्र : राबर्ट्सगंज तहसील के बिल्ली मारकुंडी में अर्से से तैनात लेखपाल का मामला गरमा गया है। जिलाधिकारी ने लेखपालों की तैनाती संबंधित फाइल तलब करनि चाहिए।
लेखपाल राजेश मिश्रा की एक गांव में तैनाती कब से कब तक और क्यों?
बताते चलें कि अगस्त 2002 तक दिनेश कुमार दुबे बिल्ली मारकुंडी के लेखपाल रहे। सितंबर 2002 से दिसंबर 2009 तक राजेश कुमार मिश्र को इस खनन क्षेत्र के गांव का बस्ता मिला। दिसंबर 2009 से सितंबर 2010 तक राजकुमार मिश्र बिल्ली मारकुंडी के लेखपाल रहे। अक्टूबर 2010 से मई 2011 तक पुन: राजेश कुमार मिश्र को इस अहम गांव का बस्ता थमा दिया गया। जून 2011 से मार्च 2012 तक श्रीराम इस गांव के लेखपाल रहे। मार्च 2012 में कुछ दिनों के लिए अरुणोदय पांडेय को इस गांव का लेखपाल बनाया गया लेकिन साजिश के तहत उन्हें हटा कर राजेश कुमार मिश्र को मार्च 2012 में पुन: बिल्ली मारकुंडी का लेखपाल बना दिया गया, जो मौजूदा समय में लेखपाल हैं। इस सम्बंध में सूचना मांगने वाले ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर यह शिकायत दर्ज कराई है कि बिल्ली मारकुंडी के लेखपाल के पद पर एक ही व्यक्ति को किन परिस्थितियों में तवज्जो दिया जा रहा है।
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पूर्व डीएम ने कहा
पूर्व में रहे जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह के मुताबिक बिल्ली मारकुंडी ग्राम पंचायत में लेखपाल की तैनाती में अनियमितता का शिकायत पर बताया था कि जांच की जा रही है। तहसील प्रशासन से इस गांव में लेखपालों की तैनाती का ब्यौरा मांगा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कई बार व कई वर्षो से एक ही लेखपाल को किसी गांव का लेखपाल बनाया जाना गलत है।
लेखपाल के तैनाती के सम्बंध में कुछ विशेष
कृपया भारत निर्वाचन आयोग के Complain ID / 2017515691 Date of Action 02, March- 2017 एवं प्रमुख सचिव राजस्व/आपदा समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली उत्तर प्रदेश पर अंकित सन्दर्भ संख्या- 15200170045821 के निस्तारण के सम्बन्ध में आदेश दिनाँक- 27 अप्रैल, 2017 का अवलोकन सुनिश्चित किया जाए। जिसमें उपरोक्त निर्देशों में शासनादेश संख्या-1258/1-9-2004- 116 एल० सी०/02,दिनाँक- 21 जून,2004 के क्रम में निर्गत परिषदादेश संख्या जी- 178/4/-18 ए/ 2008, दिनाँक- 03.06.2008 और उक्त शासनादेश के प्रस्तर- 4 में दी गई स्पस्ट ब्यवस्था के अंतर्गत आकांक्षी जनपद सोनभद्र के अंतर्गत एक त्तहसील में 10 वर्ष अथवा उससे अधिक समय सीमा से कार्यरत क्षेत्रीय राजस्व लेखपालों का वर्ष, 2017 में मूल तहसील से अन्य तहसीलों में स्थानांतरण किया गया था।
पुनः लेखपाल के तैनाती में कुछ खास उपरोक्त विषयक में सार्वजनिक नैतिकता के विरुद्ध संदिग्ध सत्यनिष्ठा में जो लेखपाल खनन क्षेत्र ग्राम बिल्ली- मारकुंडी क्षेत्र पर सितम्बर,2002- दिसम्बर,2009 तक फिर पुनः अक्टूबर,2010- मई, 2011 तक फिर पुनः मार्च- 2012- मई 2017 तक तैनाती दी गई थी। फिर पुनः उसी लेखपाल को दिनाँक- 06 फरवरी, 2024 में भी उपरोक्त उच्चाधिकारियों के निर्देशों एवं शासनादेशों के उल्लंघनों में लोक सेवा(आचरण) में निहित प्राविधानों के विरुद्ध उक्त खनन क्षेत्र बिल्ली- मारकुंडी पर बारम्बार ब्यक्तिगत एक ही लेखपाल की तैनाती का कारण क्या है? अतएव आकांक्षी जनपद में लेखपालों की तैनाती को दृष्टिगत रखते हुए उपर्युक्त तथ्यों एवं परिस्थितियों पर सम्यक विचारोपरांत सम्बन्धित प्रभारी अधिकारी के विरुद्ध सरकारी सेवक (आचरण) नियमावली- 1956 का स्पष्ट उल्लंघन मानते हुए सरकारी सेवक (अनुशासनात्मक एवं अपील) नियमावली- 1999 के अंतर्गत निहित प्राविधानों और भ्रष्ट आचरण एवं कदाचार के तहत विभागीय एवं अनुशासनिक कार्यवाही करते हुए पदीय दायित्यों से विरत रखते हुए अन्य प्रभारी अधिकारी की तैनाती सुनिश्चित किया जाना प्रथम राष्ट्र व जनहित में होगा।
बार-बार पोस्टेड रहे लेखपाल के निलंबन के क्या कारण रहे
स्थानी बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में एक खदान में वर्ष 2016 में लीज करने के लिए गलत आख्या देने के आरोप में तत्कालीन क्षत्रिय दो लेखपालों को एसडीएम में निलंबित कर दिया था ओबरा तहसीलदार सुनील कुमार ने बताया था कि वर्ष 2016 में बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में में0 मंगेश्वर बाबा स्टोन वर्क के प्रोपराइटर अंजू राय पत्नी धीरज राय के नाम से कुल रकबा 8.38 एकड़ 10 वर्ष के लिए पत्थर खदान की लिज की गई थी लीज की शिकायत मिलने पर वर्ष 2017 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने एक जांच टीम गठित कर पूरे मामले की जांच करने का आदेश दिया था गठित जांच टीम की रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर तत्कालीन लेखपाल राजेश मिश्रा वह राजकुमार मिश्रा को निलंबित किया गया है बता दें कि ओबरा एसडीएम के छुट्टी पर रहने के कारण कार्यभार देख रहे दुद्धी एसडीएम ने दोनों लेखपालों को निलंबित किया था।