gtag('config', 'UA-178504858-1'); आयुष्मान भारत अंतर्गत - दुद्धी में हेल्थ एंड वैलनेस अंबेडकर का चार दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ समापन। - सोन प्रभात लाइव
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आयुष्मान भारत अंतर्गत – दुद्धी में हेल्थ एंड वैलनेस अंबेडकर का चार दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ समापन।

दुद्धी – सोनभद्र / जितेंद्र चंद्रवंशी – सोन प्रभात

  • 👉ब्लॉक संसाधन केंद्र दुद्धी में स्वास्थ्य संवर्धन पर किया जागरूक।


दुद्धी सोनभद्र आयुष्मान भारत अंतर्गत ब्लॉक संसाधन केंद्र दुद्धी में शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान में बच्चों व युवाओं के मानसिक, शारीरिक, संवेदनात्मक, बौद्धिक, नैतिक आदि सर्वांगीण विकास के लिए आयुष चिकित्सक ने शासन के निर्देश के संदर्भ में डॉ गौरव ने बताया कि स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत किशोरों में स्वास्थ्य संवर्धन गतिविधियां, बीमारी की रोकथाम एवं एकीकृत स्वास्थ्य सेवाओं को स्कूल स्तर तक सुलभ बनाने हेतु स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वाधान में क्रियान्वित किया जा रहा है।

इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक उच्च प्राथमिक विद्यालय,इंटर कॉलेज के अध्यापकों को बच्चों के शारीरिक मानसिक एवं सामाजिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने हेतु प्रशिक्षित किया जा रहा है।शिक्षा विभाग से प्रशिक्षक के तौर पर (एआरपी) श्रवण कुमार ने बच्चों के अंदर नैतिक मानवीय भौतिक व आध्यात्मिक मूल्य को विकसित करने पर जोर दिया गया।


कार्यक्रम का उद्देश विद्यालयों के माध्यम से छात्र-छात्राओं में चोट, हिंसा, मादक द्रव्य सेवन,जोखिम भरा यौन व्यवहार, मनोवैज्ञानिक एवं भावात्मक विकार को कम किए जाने पर केंद्रित है। स्कूल में बच्चों को स्वास्थ्य एवं पोषण के बारे में उचित जानकारी प्रदान करना। कार्यक्रम के समापन में प्रशिक्षित सभी हेल्थ एंड वैलनेस एंबेसडर को टी-शर्ट एवं टोपी प्रदान की गई। डॉ गौरव ने स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों में शिक्षकों के सहयोग हेतु आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग एवं विद्यालय के सुनील कुमार पांडे,स्वाति निषाद,चंद्रेश मौर्य,संतोष श्रीवास्तव मधुरानी,स्वाति कुमारी,अर्चना मालती देवी समेत तमाम शिक्षक और शिक्षिकाएं उपस्थित रहे। उक्त कार्यक्रम के माध्यम से निश्चित रूप से व्यक्तियों के अंदर मानवीय गुणों का सर्वांगीण विकास करते हुए राष्ट्रीय चेतना, संवेदनात्मक, बौद्धिक नैतिक चरित्र का उत्थान, आदि के माध्यम से मानसिक अवसाद, हिंसक प्रवृत्ति, यौन हिंसा, आत्महत्या, जैसी मानसिक विकृतियों को बढ़ने से रोका जा सकेगा।

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