दुद्धी से लेकर विंढमगंज तक किसी मीट विक्रेता के पास परमिट (लाइसेंस)नहीं – डॉoप्रदीप कुमारअधीक्षक पशु अस्पताल।

जितेंद्र चन्द्रवंशी – दुद्धी, सोनभद्र- सोनप्रभात
- -मीट दुकानें गाइडलाइन के हिसाब से नही चल रही।
- -मीट के गुणवत्ता की जांच हो।
- -बुचर के स्वस्थ होने का सर्टिफिकेट के आवश्यक।
- -मीट दुकानें मुख्य बाजार से दूर होना चाहिए।
दुद्धी ,सोनभद्र। पशु अस्पताल के अधीक्षक डॉ प्रदीप कुमार ने सोन प्रभात न्यूज़ संवाददाता से वार्ता के दौरान बताया कि दुद्धी ब्लाक में किसी मीट विक्रेता के पास लाइसेंस नहीं है, मीट की दुकान प्रॉपर गाइडलाईन के अनुसार नहीं चल रही है।अनेक बिंदुओं पर उन्होंने कमियों को गिनाया जिसमें उन्होंने बताया कि-
1. मीट की गुणवत्ता की जांच नहीं होती , मनुष्य के खाने योग्य है या नहीं इसकी भी जांच होनी चाहिए।
2. मीट काटते समय बूचर स्वस्थ है कि नहीं इसकी मेडिकल सर्टिफिकेट 15 दिन में होनी चाहिए।
3.मानक के हिसाब से मीट शॉप अर्थात दुकान होनी चाहिए तथा प्रॉपर सर्टिफिकेट होना चाहिए।
4. मीट की दुकान घनी बस्ती से तथा मेन मार्केट से दूर होना चाहिए।
5.नगर पंचायत के द्वारा प्रत्येक मीट दुकान से पंजीकृत किया जाए तथा मीट को चेक करने की अनुमति राजकीय पशु चिकित्सा अधिकारी को दिया जाए ।
6.शुल्क प्रति दुकानों से निर्धारित लिया जाये । इससे राजस्व में वृद्धि होगी , इसकी निगरानी उच्चस्तरीय हो।
उपरोक्त बातें अमवार में गोकशी की घटना के बाद सोन प्रभात न्यूज़ को दिए बयान में पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रदीप कुमार ने कहा।
Video- भारतीय जनता पार्टी के ओबरा प्रभारी व दुद्धी डी सी एफ चेयरमैन सुरेन्द्र अग्रहरि ने गैर लाईसेंसधारी मीट विक्रेताओं के खिलाफ खोला मोर्चा।
साथ ही पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ0 प्रदीप कुमार ने कहा कि अगर यूं ही खुलेआम मीट की बिक्री चलती रहे तो कभी भी मीट से संक्रमण की संभावना है। मीट की गुणवत्ता के जांच के साथ ही साथ मीट किस पशु का है इसकी प्रमाणिकता कोई नहीं दे सकता , जरूरत है इस ओर ध्यान देने की, अन्यथा असावधानी के कारण शिकार आम जनमानस कभी भी हो सकता है।