gtag('config', 'UA-178504858-1'); देश के विकास में मजदूरों की भूमिका अहम,उत्पादन में वृद्धि व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्चअर्थव्यवस्था श्रमिकों के मेहनत का नतीजा। - सोन प्रभात लाइव
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देश के विकास में मजदूरों की भूमिका अहम,उत्पादन में वृद्धि व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्चअर्थव्यवस्था श्रमिकों के मेहनत का नतीजा।

ओबरा – सोनभद्र / अनिल अग्रहरि – सोन प्रभात

ओबरा (सोनभद्र): राष्ट्र, उद्योग और मजदूर एक दूसरे के पूरक हैं क्योकि देश के उत्पादन में वृद्धि और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जो उच्च मानक हासिल किये गये हैं वह हमारे श्रमिकों के अथक प्रयासों का ही नतीजा है।जब भी हम राष्ट्र निर्माण की बात करते हैं, तो उद्योगों की प्रगति आवश्यक हो जाती है।

भले ही नित नई तकनीक का विकास हो रहा है, बिना मजदूर के कल-कारखानों का संचालन बेहतर तरीके से सम्भव नहीं है। किसी भी राष्ट्र की सुरक्षा के लिए सैनिकों0 का अत्यधिक महत्त्व है तो अन्न के लिए किसानों का, वहीं उद्योगों के उत्थान में मजदूरों का खून-पसीना सना हुआ है। मजदूरों की जितनी भलाई होगी, उतना ही उद्योग फलेंगे और फूलेंगे और राष्ट्र विकसित हो सकेगा। उक्त बातें विद्युत मजदूर संघ कार्यालय पर आयोजित “राष्ट्र, उद्योग और मजदूर”संगोष्ठी विषयक पर वक्ताओं ने कही। इसके पूर्व नव निर्वाचित विद्युत मजदूर संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शशिकान्त श्रीवास्तव का स्मृति चिह्न, पुष्प गुच्छ और माल्यार्पण से अभिनन्दन किया गया।


कार्यक्रम का शुभारंभ मां भारती, मजदूरों के नायक और राष्ट्र निर्माण के शिल्पकार दत्तोपन्त ठेंगड़ी के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण करते हुए किया गया। भारत माता की जय, वन्देमातरम, राष्ट्र हित में करेंगे काम- काम का लेंगे पूरा दाम, आदि नारों से सभागार गूंजता रहा।
गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि है। राष्ट्र है तभी हम हैं। बढ़ते निजीकरण से सार्वजनिक उपक्रम प्रभावित हो रहे हैं। बिजली परियोजनाएं सार्वजनिक क्षेत्र में ही रहें, जिससे राष्ट्र के निर्माण में अहम योगदान दिया जा सके। बिजली परियोजनाओं में संविदा श्रमिकों की पीड़ा किसी से छिपी नहीं है। समान कार्य के समान वेतन की नीति लागू करके मजदूरों की पीड़ा को कम करने की कोशिश की जानी चाहिए। किसी भी परियोजना को श्रम, कुशल प्रबंधन से लाभ में रखकर ही निरन्तर चलाया सकता है। भारत में मजदूरों की मजदूरी के बारे में बात की जाए तो यह भी एक बहुत बड़ी समस्या है, क्योकि आज भी देश में कम मजदूरी पर मजदूरों से काम कराया जाता है। यह भी मजदूरों का एक प्रकार से शोषण है। आज भी मजदूरों से फैक्ट्रियों या प्राइवेट कंपनियों द्वारा पूरा काम लिया जाता है लेकिन उन्हें मजदूरी के नाम पर बहुत कम मजदूरी पकड़ा दी जाती है। जिससे मजदूरों को अपने परिवार का खर्चा चलाना मुश्किल हो जाता है। पैसों के अभाव से मजदूर के बच्चों को शिक्षा से वंचित रहना पड़ता है। भारत में अशिक्षा का एक कारण मजदूरों को कम मजदूरी दिया जाना भी है।


गोष्ठी में महाप्रबंधक प्रशासन इं.जीके मिश्र, अधीक्षण अभियंता इं.एके राय, वीएमएस के नव नियुक्त राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शशिकान्त श्रीवास्तव,नगर पंचायत अध्यक्ष प्रानमती देवी, इं.ओपी सिंह, इं.मनीष मिश्र, इं.सदानन्द यादव, धुरन्धर शर्मा, हरदेव नारायण तिवारी, योगेंद्र कुमार, प्रमोद त्रिपाठी, अनिल सिंह, रमेश सिंह यादव, भोला कनौजिया, अनुपम सिंह, उमेश सिंह, दिनेश यादव, भोला कनौजिया, बृजेश यादव, धर्मेंद्र सिंह नन्हें, योगेंद्र कुमार, शाहिद अख्तर आदि ने विचार रखा।

संगोष्ठी में भाजपा मंडल अध्यक्ष सतीश पांडेय,एटक के प्रांतीय अध्यक्ष अजय कुमार सिंह, उमेश कुमार, अशोक पांडेय, अशोक यादव, अरुण भट्टाचार्य ,बलवंत राय, राजमणि ,अमृतलाल आदि लोग मौजूद रहे। अध्यक्षता उत्तर प्रदेश विद्युत मजदूर संघ शाखा ओबरा के अध्यक्ष प्रह्लाद शर्मा और संचालन सचिव अम्बुज कुमार ने किया।

Ashish Kumar Gupta

Ashish Kumar Gupta is an Indian news anchor and journalist, who is the managing director and editor-in-chief of Son Prabhat Web News Service Private Limited Sonbhadra India. In the field of journalism, this journalist, who constantly talks about social interest and public welfare with his pen, is establishing a new dimension in the journalism of the district. Email - Editor@sonprabhat.live

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