गोविंदपुर :भारतीय स्टेट बैंक कर्मचारियों की मनमानी से उपभोक्ता त्रस्त, कब सुधरेगी व्यवस्था?

सोनभद्र / सोन प्रभात – आशीष गुप्ता / जितेंद्र चंद्रवंशी –
म्योरपुर , सोनभद्र । स्थानीय थाना क्षेत्र अंतर्गत संचालित भारतीय स्टेट बैंक के शाखा गोविंदपुर में इन दिनों कर्मचारियों की मनमानी से उपभोक्ता त्रस्त हो गए है, जिसे लेकर बैंक कर्मचारियों की कार्यप्रणाली से नाराज बैंक में लेनदेन करने वाले ग्राहकों ने बैंक कर्मचारियों के खिलाफ प्रदर्शन कर कार्यवाही की मांग किया है।आपको बता दे कि भारतीय स्टेट बैंक गोविंदपुर शाखा बनवासी सेवा आश्रम परिसर में विगत कई वर्षों से संचालित है, जहाँ ग्राहकों को इन दिनों बैंककर्मियों की मनमानी से अच्छी खासी फजीहत झेलनी पड़ रही है।
गोविंदपुर की यह शाखा ग्राहकों को परेशान करने वाला शाखा के तौर पर आरंभ से जाना जाता रहा है –
जहां सुबह 10:00 बजे से पहुंचने वाले उपभोक्ता भी शाम के 4:00 बजे तक अपने बैंकिंग लेनदेन के काम को पूरा नहीं कर पाने के कारण बैंक के कार्यों को लेकर सवाल उठाने लगे हैं।उपभोक्ताओं का आरोप है कि कर्मचारी एक व्यक्ति का अगर पैसा निकालने या किसी अन्य कार्यो को करते है, तो लगभग आधा घंटा का समय लेते हैं जिससे पूरे बैंक कार्य समय में लगभग बहुत कम ही लोगों का काम हो पाता है। जिससे लाइन में लगने वाले उपभोक्ताओं का सारा दिन बर्बाद होने के बाद भी कोई काम नहीं हो पाता है, यदि किसी ने जल्दबाजी की तो उसके साथ बैंक कर्मचारियों के द्वारा बदसलूकी की जाती है। स्थिति तो यह हो गई है कि किसान इस शाखा में खाता खुलवाने से भी कतराने लगे हैं। वही जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान भी अब तक आकर्षित नहीं रहा है।गोविंदपुर भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि हम अपने बैंक के समय में ही सिर्फ कार्य करेंगे।
सुस्त रवैया से खीझ जा रहे उपभोक्ता
लेन देन की प्रक्रिया वास्तव में दयनीय होने के कारण कई बार एक ही काम के लिए उपभोक्ता को बार बार बैंक का चक्कर लगाना पड़ता है, वैसे ही चेक से पैसे निकालने के लिए भी इस शाखा में बहुत पापड़ बेलने पड़ जाते है। बैंक के इस सुस्त रवैया से अधिकतर उपभोक्ता खीझ जा रहे है, वहीं कई ग्रामीण दिनों दिनों तक भूखे प्यासे बैठकर दिन व्यतीत कर देते हैं और कई बार उनका काम नही हो पाता। आवश्यकता कार्य प्रणाली में सुधार की है, हालांकि कई बार उपभोक्ताओं ने प्रदर्शन किया है, लेकिन असर नहीं दिखा।