सोनभद्र के विंढमगंज से छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर तक बिछाई जाएगी नई भारतीय रेलवे लाइन।

- सोनभद्र से छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाली पहली रेलवे लाइन बनेगी।
- सोनभद्र से अंबिकापुर रेल सेवा देगा यात्रियों को राहत
सोनभद्र/ सोन प्रभात – आशीष गुप्ता “अर्ष”
देश के सबसे पिछड़े जिलों में शामिल सोनभद्र (Sonbhadra) को हवाई यातायात से जोड़ने के लिए म्योरपुर (Myorpur) में काम तेजी से चल रहा है इसके पहले चरण में छोटे यात्री विमानों के लिए और उसके बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए इसे विकसित किया जा रहा है।इसका खाका भी तैयार किया जा चुका है।अब भारतीय रेल लाइन सर्वे का खाका तैयार होना प्रस्तावित है, इस रेल लाइन से इस क्षेत्र के विकास की एक नई शुरुआत होगी।
आपको बताते चलें कि सोनभद्र (Sonbhadra) का इलाका आदिवासी आबादी वाले ऐसे इलाके हैं जिनका विकास वर्षों से अभी तक नहीं हो पाया है। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) और सोनभद्र (sonbhadra) के बीच जल्द से जल्द अब इस रेल सेवा की शुरुआत का खाका खींचा जा चुका है। इस नई रेल लाइन बिछाने के लिए भारतीय रेलवे ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है। आपको बताते चलें कि झारखंड बॉर्डर पर स्थित विंढमगंज से छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर (Ambikapur) तक करीबन 180 किलोमीटर लंबा रेल लाइन बिछाने का भारतीय रेल का प्रस्ताव है।
कनहर परियोजना के किनारे से रेलवे लाइन बिछाने की अटकलें
प्रस्तावित योजना के तहत सोनभद्र के विंढ़मगंज को जंक्शन के रूप में विकसित करते हुए यहां से नई रेल लाइन के जरिए छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर को जोड़ा जाएगा। कनहर नदी के किनारे से होते हुए भारतीय रेल लाइन गुजारे जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। इस पर लगभग 20 से लेकर 25 स्टेशन बनाए जाएंगे। फिलहाल इसके लिए जयपुर की कंसलटिंग इंजीनियरिंग ग्रुप ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है इस सर्वे के लिए इस कंपनी के अधिकारी क्षेत्र में विभिन्न बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार करने में लगे हुए हैं, उम्मीद है कि अगले 4 से 5 माह में यह सर्वे का पूरा खाका तैयार कर लेंगे।
चार राज्यो से जुड़ा है सोनभद्र, मिलेगा आयात निर्यात को बढ़ावा
आपको यह भी बताते चलें कि चार राज्यों की सीमा से सटे सोनभद्र के लिए इस रेल लाइन सेवा से कई यात्री ट्रेनों का संचालन होता है, कोयला सहित बहुत सारे खनिज पदार्थों का आवागमन भी रेल मार्ग से होता है छत्तीसगढ़ से आवागमन के लिए अभी तक सिर्फ सड़क मार्ग ही उपलब्ध है। रोजाना सैकड़ों ट्रकों बसों और छोटी गाड़ियों का आवागमन सोनभद्र में अनवरत चलता रहता है। ट्रेनों को पकड़ने के लिए लोगों को मिर्जापुर, प्रयागराज या वाराणसी ही जाना होता है। अब इस रूट पर रेल सेवा शुरू होने की खबर से लोगों में खुशी का माहौल है।
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सोनभद्र से छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाली पहली रेल मार्ग होगी।
इस सर्वे की रिपोर्ट को टीम भारतीय रेलवे बोर्ड को सौंपेंगे इसके बाद भारतीय रेलवे बोर्ड आगे का कार्य आरंभ कराएगा। नई रेल लाइन बनने से न सिर्फ यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी बल्कि खनिज संपदा से भरपूर आसपास के राज्यों से परिवहन मे काफी सुविधा मिलेंगी इससे यहां के लोगों में रोजगार की संभावनाएं भी विकसित होंगी।
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