सोनभद्र के गौरव “पद्म श्री ” डॉ. हनीफ खान शास्त्री की पुण्यतिथि, (26 जनवरी गणतंत्र दिवस) पर विशेष।

लेख / संकलन – जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी – सोनभद्र / सोन प्रभात
सोनभद्र (Sonbhadra)। 26 जनवरी 2023 को 74वां गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व जहां मनाए जाने की तैयारियां देश में जोरों पर है, वहीं उत्तर प्रदेश के अंतिम विधानसभा क्षेत्र 403 सोनभद्र जनपद के दुद्धी नगर पंचायत वार्ड नंबर 4 निवासी वंदनीय ” पद्मश्री ” राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित स्वर्गीय डॉ मोहम्मद हनीफ खान शास्त्री (Hanif Khan Shashtri) जी की पुण्यतिथि है। सोनभद्र जिले का नाम रौशन करने वाले जुगनू चौक दुद्धी के माटी का लाल सदभावना का मशाल जलाए हुए 26 जनवरी 2020 को वैश्विक महामारी त्रासदी कालखंड में लंबी बीमारी के उपरांत अनंत लोकवासी हो गए थे।
दादा जी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे, देश हित हेतु समर्पित
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दादा सुक्खन अली के राष्ट्रभक्ति एवं पुण्य कर्मों की छाप पोता स्वर्गीय डॉ हनीफ खान शास्त्री को अनगिनत सम्मान और पुरस्कार के साथ साथ शंकराचार्य सम्मान, राष्ट्रीय सांप्रदायिक सौहार्द अवार्ड,और राष्ट्रीय सम्मान ” पद्मश्री” राष्ट्रपति पुरस्कार आदि असंख्य पुरस्कार हासिल दादा के पुण्य प्रताप एवं अपनों के स्नेह प्रेम, खुद के लगन एवं निष्ठा से अध्ययन अध्यापन के कारण कर सकें ।

इस प्रकार रही इनकी जीवन शैली
अतीत के विस्मृत अनसुलझे पन्नों में देखें तो बकरी चराते चराते धर पकड़ कर स्वर्गीय मास्टर राम कुंवर सोनवाल प्राइमरी पाठशाला खजूरी में 1962 में प्रथम दर्जे में दाखिला, हरिजन परिवार में मामा तुल्य स्वर्गीय रामखेलावन गुरु जी के बड़े पुत्र व रफीक भाई नें कराया l स्थानीय दुद्धी से ही हाई स्कूल , इंटरमीडिएट व स्नातक की शिक्षा लिया l उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाना धनाभाव के कारण मुश्किल था सो मित्र मोहम्मद हुसैन नें चंदा जुटाकर आगे का भविष्य संवारने का पहल किया, उन दिनों लोकस्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय डॉक्टर राजकिशोर सिंह ने 5 रूपये व शिक्षा का सदा अलख जगाने वाले स्वर्गीय सरदार रूपचंद गुरुजी द्वारा ₹10 व स्वर्गीय विद्वान अधिवक्ता बलवंत सिंह के मित्रवत प्रोत्साहन व शुभचिंतक मित्र बंसीलाल जायसवाल के ट्रक से बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी विद्यापीठ से संस्कृत में एम ए की शिक्षा उपरांत सहपाठी मित्र विजय सिंह गोंड 1980 में पहली बार विधायक चुनें गए l एक उम्मीद का लौ दुद्धी विधानसभा क्षेत्र के लोकनायक, विकास पुरुष सांसद स्वर्गीय रामप्यारे पनिका से विधायक विजय सिंह नें पहल कर 1982 में डॉ रामकरण शर्मा जी के सौजन्य से राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में समस्त भाषाओं की जननी संस्कृत की सेवा में लगा दिया गया l फिर यह अनंत अविरल निर्मल ज्ञान का प्रवाह कल कल निनाद से ” महामंत्र गायत्री एवं सूरह फातिहा ” पर शोध पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
” मेरा हर एक चलन निराला है,
मैंने हर गम को खुशियों में ढाला है,
लोग जिन मुसीबतों से डरा करते हैं,
हमें तो उसी ने पाला है ”
– मोहन ( मोहम्मद हनीफ खान शास्त्री )
ये रहीं उपलब्धियां
जिसे 19 फ़रवरी 1994 में पुस्तक को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा द्वारा राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गयाl 1996 में श्रीमद भागवत गीता और कुरान में सामंजस्य के लिए पुस्तक को राष्ट्रपति ने पुनः सम्मानित किया, फिर पुरस्कारों की प्रकाशित पुस्तकों द्वारा सम्मान का नित नए कीर्तिमान स्थापित अविरल होते रहे l मर्यादा पुरुषोत्तम राम और बाबा विश्वनाथ के अनन्य भक्त ने सदा समरसता का साहित्य के माध्यम से संदेश दिया l नाटक एकांकी के शानदार अभिनय के लिए भी उन्हें याद किया जाता रहेगा l आपको गुरु स्वरूप आदर देने वाले जितेन्द्र चन्द्रवंशी संवाददाता को लेखन को लेकर बढ़ावा व सम्मान मिला और भी अनन्य शुभचिंतक, सूफियाना विचार के आज भी है जिनकी हार्दिक इच्छा है कि जनपद सोनभद्र के गौरव दुद्धी के माटी के लाल डॉक्टर हनीफ खान शास्त्री के स्मृति में ऐतिहासिक कार्य शासकीय व गैर शासकीय स्तर पर हो, यही उनके पुण्यतिथि पर सच्ची श्रद्धांजलि होगी।