दुद्धी सरकारी फेडरेशन में वर्षों से रह रहे लोगों का किराया वृद्धि को लेकर आक्रोश।

- मामला संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंचा।
दुद्धी – सोनभद्र / जितेंद्र चंद्रवंशी – सोन प्रभात
दुद्धी सरकारी फेडरेशन में वर्षों से रह रहें लोगों का किराया वृद्धि को लेकर आक्रोश डी सी एफ डायरेक्टर ने कहा मामूली किराया वृद्धि हैं। दुद्धी सोनभद्र संपूर्ण समाधान दिवस में जिलाधिकारी महोदय के नाम डीसीएफ कॉलोनी जो दुद्धी सहकारी फेडरेशन द्वारा गवर्न होता है में वर्षों से रह रहे किरायेदारों का किराया असाधारण एवं व्यवहारिक वृद्धि का आरोप लगाते हुए किराएदार दुद्धी सहकारी फेडरेशन द्वारा जारी नोटिस से आक्रोशित होकर संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायती प्रार्थना पत्र दिया। शिकायती प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया गया है कि डीसीएफ के आवासों के आवंटित किरायेदारों से बिना सहमति के असाधारण किराया वृद्धि का नोटिस भेजा गया है जो गैरकानूनी हैं l शिकायतकर्ता कुलभूषण पांडेय एडवोकेट, पूर्व मंत्री विजय सिंह गौड़,चमेली देवी, भगवानदास, मोहम्मद अजीज, प्रेम सागर पांडेय, सुभाष गुप्ता, नागेंद्र श्रीवास्तव, अजय कुमार श्यामा, त्रिपुरारी यादव, वैशाली तिवारी, रजनीश पांडेय, पुष्पा पांडेय, उमेश कुमार राघवेंद्र प्रताप भाटिया द्वारा उमेश कुमार, राकेश सिंह द्वारा उमेश कुमार, कमलेश तिवारी द्वारा भरत लाल, सीताराम द्वारा दिलीप कुमार, बजरंग लाल उपाध्याय द्वारा उमेश कुमार,कृष्ण कुमार सिंह पुत्र जगदीश, स्वर्गीय राजेश कुमार सिंह पत्नी सुनंदा देवी, भुल्लन सिंह आदि ने जिलाधिकारी से मांग किया है कि गैर कानूनी मनमाना ढंग से वृद्धि किराया को वापस लिया जाए, किरायेदारों से सहमति अनुसार पारित किरायादारी तय हों।

उधर इस संदर्भ में डीसीएफ के डायरेक्टर संजीव कुमार तिवारी ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि नियमानुसार 11 माह बाद किराएदारी रिन्यूअल होता है परंतु लगभग 40 वर्षों बाद भी कोई किराएदारी वृद्धि नहीं हुई जब-जब नोटिस जारी किराएदारी वृद्धि को लेकर की जाती है किरायेदारों द्वारा इस प्रकार की बात जानबूझकर उठाई जाती है l डी सी एफ में अनाधिकृत रूप से कई लोग रह रहे हैं और कई एलाट मकान स्वामी घर बैठे मनमाना मोटी किराया पर लगाकर किराएदारी अनाधिकृत रूप से चला रहे हैं l जिसे पूर्ण रूप से एडीसीए सुरेश कुमार द्वारा नोटिस जारी किया गया है जिसका कड़ाई से अनुपालन किया जाएगा l अब आने वाला वक्त तय करेगा कि दुद्धी सहकारी फेडरेशन व किरायेदारों के बीच में क्या निर्णय निकलता है l
