दहेज हत्या: दोषी पति समेत तीन को 10-10 वर्ष की कैद।
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सोनभद्र – सोन प्रभात / जितेंद्र चंद्रवंशी – वेदव्यास सिंह मौर्य
- 16-16 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
- आरोपी जेठ नन्दू दोषमुक्त
- शकुंतला हत्याकांड का मामला
सोनभद्र। साढ़े पांच वर्ष पूर्व हुई शकुंतला हत्याकांड के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने शनिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी पति समेत तीन लोगों को 10-10 वर्ष की कैद व 16-16 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जबकि आरोपी जेठ नन्दू को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक ओबरा थाने में 16 मई 2017 को दी तहरीर में कोन थाना क्षेत्र के चेरवाडीह टोला ललकी दामर गांव निवासी सरसती देवी पत्नी सरजू चेरो ने अवगत कराया था कि उसकी बेटी शकुंतला देवी की शादी 3 वर्ष पूर्व ओबरा थाना क्षेत्र के खैरटिया गांव निवासी विनोद उर्फ विंदु चेरो पुत्र अयोध्या चेरो के साथ हुआ था। जब बेटी विदा होकर अपनी ससुराल गई तो वहां पर दहेज में माता, पिता व भाई द्वारा कुछ न देने का ताना मरते हुए रुपये की मांग को लेकर उसका पति विनोद उर्फ विंदु चेरो, ससुर अयोध्या चेरो, सास बुधनी व जेठ नन्दू उसे प्रताड़ित करने लगे। जब भाई शिवकुमार बहन शकुंतला के घर जाता तो उसे समझा बुझाकर घर आ जाता था। दहेज की मांग पूरी नहीं हुई तो 5 मई 2017 को बेटी शकुंतला देवी को सभी लोग मिलकर उसका गला दबाकर मार डाला। इस तहरीर पर ओबरा पुलिस ने दहेज हत्या में एफआईआर दर्ज कर लिया और पुलिस विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत पाए जाने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पति विनोद उर्फ विंदु चेरो, ससुर अयोध्या व सास बुधनी व को 10-10 वर्ष की कैद व 16-16 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जबकि आरोपी जेठ नन्दू को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी विजय प्रकाश यादव ने बहस की।