वीरांगना लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस पर मातृशक्तियों का एलान न्यू पेंशन स्कीम (N.P.S) भारत छोड़ो अभियान ।

संवाददाता:- यू.गुप्त / सोन प्रभात

सोनभद्र। अटेवा पेंशन बचाओ मंच उ०प्र० के आवाह्नन पर जनपद सोनभद्र में भी अटेवा जिला संयोजिका बबिता सिंह के नेतृत्व में जनपद मुख्यालय पर स्थित चाचा नेहरू पार्क में रानी लक्ष्मीबाई की जयंती को N.P.S./निजीकरण भारत छोड़ो संकल्प दिवस के रूप में आज मनाया गया। इस अवसर पर जनपद के विभिन्न विभागों से N.P.S और O.P.S. से आच्छादित महिला शक्तियों और पुरुषों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया।

इस कार्यक्रम में बबिता सिंह ने कहा कि “आजादी की लड़ाई से लेकर अब तक जब कभी भी आंदोलन का बिगुल बजा है, नारी शक्तियों ने सदैव ही अग्रणी भूमिका निभाई है। इसी तरह पुरानी पेंशन की लड़ाई में भी हम मातृशक्ति बहनें सरकार को पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए विवश कर देंगे।”
सूर्यप्रकाश जी ने कहा कि “पुरानी पेंशन एक कर्मचारी के बुढ़ापे का आत्मसम्मान है। सरकार द्वारा वर्तमान में चलायी गयी N.P.S एक छलावा है इस स्कीम के तहत मिल रही धनराशि से जीवन जीना बहुत ही मुश्किल है।”
निशा मालवीय जी ने कहा कि “जिस तरह चींटी देखने में तो कोमल और कमजोर दिखती है परंतु यही कोमल और कमजोर चींटी समय आने पर विशालकाय और शक्तिशाली हाथी की सूंड में घुसकर उसे नाकों चने भी चबवा देती है।”

कोमल साहू जी ने कहा कि “बड़े भाई पेंशन पुरुष विजय कुमार बंधु के नेतृत्व में हम मातृशक्तियाँ एनपीएस और निजीकरण के विरोधियों को धूल चटा देंगे,तथा पुरानी पेंशन बहाली तक यूँ ही संघर्ष जारी रखेंगे।”
सीमा चौबे जी ने कहा कि “जिस तरह वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई ने अपनी वीरता और साहस से अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिये थे वैसे ही हम सभी वीरांगना बहने मिलकर सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे और OPS लागू करने के लिए मजबूर कर देंगे।”
सुरेंद्र नाथ वर्मा जी ने कहा कि “एक तरफ तो हम तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में जाने जाते हैं वहीं दूसरी तरफ सरकार के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए पैसा ही नही है। यह दोहरा चरित्र कत्तई बर्दाश्त नही किया जाएगा।”
अनिल सिंह जी ने कहा कि “न्यू पेंशन स्कीम एक बाज़ार आधारित योजना है जिसमें वित्तीय जोखिम बहुत ज्यादा है,और हम कर्मचारियों की मेहनत की कमाई के पैसे का सरकार को जुआ खेलने का कोई अधिकार नही है।”
रामगोपाल यादव जी ने कहा कि “आज से 50 वर्ष पहले जब भारत एक गरीब देश के रूप में गिना जाता था तब सरकार अपने सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने में सक्षम थी और आज जब हम विश्व की सबसे बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में गिने जा रहे हैं तो सरकार के पास अपने कर्मचारियों को देने के लिए पैसा ही नही है यह बात समक्ष से परे है।”
कमलेश जी ने कहा कि “ये हम सभी कर्मचारियों का अपना हक़ है जिसे हम सब मिलकर हर कीमत पर सरकार से लेकर रहेंगे यदि समय रहते सरकार ने सही निर्णय नही किया तो 2024 लोकसभा चुनाव में हम सभी सरकार को सत्ता से बाहर करके ही दम लेंगें।इतिहास गवाह है कि जब जब सरकारों ने कर्मचारियों को सताया है सरकार की सत्ता से विदाई भी तय हुई है।”
रंजना सिंह ने कहा कि “
*नारी हूँ कमजोर नहींं*,
*अब अपमान ना सह पाऊंगी,*
*मेरे अंदर है आग भरी,*
*बन भानु ज्योत फैलाऊंगी!!!*
*अन्याय सहन नहीं अब करना,*
*अपना हर कर्तव्य निभाऊंगी,*
*अब शोषित नहीं रह पाऊंगी,*
*अपने लक्ष्य को करने हासिल,*
*हर चुनौती पार कर जाऊंगी !!*
*मिले पुरानी पेंशन का अधिकार मुझे,*
*खुद को अर्पण कर जाऊंगी,*
*अन्याय सहन नहीं अब करना*,
*बन काली अन्याय मिटाऊंगी !!*
*एक ही मिशन*
*पुरानी पेंशन*
इस कार्यक्रम के अंत में जिलाध्यक्ष राजकुमार मौर्य जी ने कहा कि “अटेवा पूरे प्रदेश ही नही बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर पेंशन की लड़ाई लड़ रहा है जिसके परिणामस्वरूप राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब की सरकारों ने पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल किया है और फ़िर वह दिन दूर नही जब पूरे देश में पुनः पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू हो जायेगी।”

इस मौके पर कमलेश सिंह, राधेश्याम पाल,सर्वेश, राममूर्ति, राजेश बैस, साधू, सिंधू मिश्रा, कृष्ण लाल, दिलीप, संतोष, धनंजय, बी.यन.सिंह, रण विजय, सीमा चौबे, कोमल, उत्तमा चतुर्वेदी, मंजरी, पूजा, मधु, अजय, रूमी परवीन, ख़ुशबू, उमा सिंह, सुरेंद्र पांडेय, विनोद कुमार, रुद्र मिश्रा, देवेंद्र त्रिपाठी, कीर्ति, प्रतिमा, शिल्पी, शशिबाला, नमिता आदि अनेकों पेंशनविहीन साथी मौजूद थे।