राष्ट्र माता कस्तुरबा ने बनाया मोहन से गांधी और फिर महात्मा – वनवासी सेवा आश्रम।

दुद्धी – सोनभद्र – जितेन्द्र चन्द्रवंशी – सोनप्रभात
दुद्धी सोनभद्र तहसील अन्तर्गत देश की अग्रणी व प्रथम सत्याग्रही महिला स्वतंत्रता सेनानी कस्तुरबा गांधी जिन्होंने महात्मा गाँधीजी के साथ देश की आजादी में अमूल्य भूमिका अदा किया, उन्हें बनवासी सेवा आश्रम गोविन्दपुर कार्यक्रम में पुण्यतिथि पर राष्ट्रमाता के रूप में यादकर पुण्यतिथि मनाया गया।
बतौर मुख्य अतिथि के रूप में मुम्बई सपत्नी सुधा, अजीत दोशी जी व पुतुल दीदी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुरुआत किया गया। शुभा बहन ने कस्तुरबागांधी पर सामूहिक गीत गाई।
डा. ब्रम्हजीत भाई उनके कृत्यों को याद करते हुए कहा कि “बा” एक साधारण महिला थी बिना पढी लिखी महिला होने के बावजूद जीवन एवं स्वतंत्रता आंदोलन में प्रत्येकक्षण गांधीजी का साथ दिया। “बा” पूरी निष्ठा के साथ हमेशा महिलाओं में जागरूकता बढाने का काम की और आज़ादी आंदोलन में उन सभी की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित किया। जब गांधीजी को जेल भेज दिया गया था उस समय उन्होंने आगे बढ़ कर आजादी नेतृत्व की जिम्मेदारी खुद ली। मौके पर विमल भाई, ब्रम्हजीत भाई, देवनाथ भाई, शिवशरण भाई, केवला दूबे, इन्दुबहन, मानमती, इन्द्रावती देवी, शान्ति देवी, सुभाष चन्द्र सहित दर्जनों बहनें शामिल रहे l