“सर्वोच्च बलिदान को नमन”- मोनिंदर सिंह
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बीजपुर/ विनोद गुप्त – सोन प्रभात
डीएवी पब्लिक स्कूल एनटीपीसी रिहंदनगर में आज भव्य तरीके से वीर बाल दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पंजाब की धरती में पले बढ़े एनटीपीसी के वरिष्ठ प्रबंधक मोनिंदर सिंह एवं विशिष्ट अतिथि पवनदीप सिंह तथा हरीश कुमार का करतल ध्वनि के बीच प्राचार्य राजकुमार के पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
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इसके बाद मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा सिखों के दसवें गुरु एवं खालसा पंथ के संस्थापक श्री गुरु गोविंद सिंह एवं उनके साहबजादों की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया। विद्यालय के शिक्षक- शिक्षिकाओं ने भी उनकी तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया इसके बाद प्राचार्य राजकुमार ने अपने स्वागत संबोधन द्वारा मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का परिचय देते हुए शौर्य एवं पराक्रम के प्रतीक वीर साहबजादों को नमन किया। कक्षा दसवीं का छात्र चंदन ने अपने संबोधन में वीर बाल दिवस के मनाये जाने के कारणों की विस्तार से जानकारी देते हुए उन्हें नमन किया। कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा दीक्षा दुबे ने बड़े हीं सौम्य भाव से गुरू गोविन्द सिंह के परिवार के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह अकेले ऐसे महापुरुष थे जिनके पिता और पुत्र दोनों ने देश की संस्कृति की रक्षा के खातिर सहादत दे दिया था। प्रधानमंत्री ने उनके साहबजादों की याद में वीर बाल दिवस मनाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिसके कारण आज हम सभी यहां उपस्थित हुए हैं। इसके बाद मुख्य अतिथि मोनिंदर सिंह ने विस्तार से गुरू गोविन्द सिंह और उनके साहबजादों की वीरता और देश के प्रति योगदान की चर्चा की।
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उन्होंने कहा कि हम सभी को उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्रहित में अपना योगदान देना चाहिए। विशिष्ट अतिथि पवनदीप सिंह ने बाबा जोरावर सिंह एवं बाबा फतेह सिंह के शौर्य एवं वीरता पर प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि हरीश कुमार ने पंजाब के रोपड़ के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गुरु गोविंद सिंह के चरणों से ईंट भट्ठे की आग भी ठंडी हो गई थी आज वहां पट्ठा गुरुद्वारा स्थापित है। प्राचार्य ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए वीर बाल दिवस से प्रेरणा लेकर राष्ट्रहित में अपना योगदान देने के लिए सभी का आह्वान किया। वार्षिक खेलकूद के विजेता सदन को विशेष रूप से सम्मानित भी किया गया। दीक्षा दुबे ने बेहतरीन संचालन करते हुए राष्ट्रगान के बाद कार्यक्रम के समापन की घोषणा की कार्यक्रम में पूरा विद्यालय परिवार पूरे मनोयोग से शामिल रहा।
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