श्री राम बाल कथा प्रसंग- “भगवान भक्त के भाव के भूखे होते हैं।”- पंडित दिलीप कृष्ण भारद्वाज

- 👉” त्यागमय जीवन जीकर विलासिता का परित्याग कर दाता बनें।”
- 👉जब भक्ति भाव में सराबोर दर्शक झूम उठें।
दुद्धी – सोनभद्र – जितेंद्र चन्द्रवंशी / सोनप्रभात
दुद्धी सोनभद्र विकासखंड अंतर्गत शिव की नगरी ग्राम पंचायत मल्देवा दुद्धी सोनभद्र में वृंदावन धाम से पधारे पंडित श्री दिलीप कृष्ण भारद्वाज महाराज जी के कथा प्रवाह में सुखद आनंद की अनुभूति श्रद्धालुओं श्रोताओं को प्राप्त हो रही है।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम लला के बाल रूप का मनोरम जीवंत मानो सजीव चरित्र चित्रण कर द्वापर युग को पृथ्वी लोक पर अवतरित करता प्रतीत सा हो रहा था, जब पायल की धुन पर माता कैकेई द्वारा बाल रूप पर गीत- चलाते ठुमक रामचंद्र बाजत पैजनिया की धुन जब बजी और माता लल्ला के पैजनिया की आवाज से समझ जाती थी कि मेरा लल्ला किधर है, साथ ही जब चंद्रमा भगवान का दर्शन के लिए रो-रो कर व्याकुल थे , तब भगवान ने दर्शन देकर वरदान दिया था कि मैं तुम्हारे नाम से जाना जाऊंगा तभी से राम के नाम के आगे चंद्र शब्द का प्रादुर्भाव हुआ और भगवान ने अपने नाम के साथ चंद्र को जोड़ रामचंद्र नाम धरा, जब वृंदावन के रमण बिहारी के मंदिर में भक्तों का निश्चल मिलन का सजीव यथार्थ चित्रण कर भक्तों द्वारा मोजा, पजामा,कुर्ता बनवा कर लेकर भक्तों पहनाने अपने भगवान को जाता है। महिला को हर लोग पागल समझकर पहले ठिठोली करते हैं फिर बाद में पुजारी को एहसास होता है कि भगवान तो भक्त के भूखे होते हैं और जब भगवान ने कुर्ता पजामा धारण किया जिसका आज भी चर्चा वृंदावन में होता है जैसे सजीव कथा का रसपान करा कर भाव विभोर कथावाचक द्वारा किया गया।
साथ में भगवान की सुंदरता पर खर और दूषण के सम्मोहन के साथ ही साथ – “तेरे बिना मैं एक पल भी जी नहीं सकता ” के विरह वेदना भरी गीत संगीत के माध्यम से मनोरम प्रस्तुति द्वारा कथावाचक के आंखें अश्रुपूरित होकर भक्तों को खुशियों के आंसुओं में सराबोर कर दिया , मन चंचल मन बावरा होकर भक्ति संगीत पर क्या चिकित्सक,क्या पत्रकार, क्या दर्शक के सारे मर्यादाए मानो भक्ति की आसक्ति में सराबोर हो गई थी, संयुक्त परिवार के महत्व को भी रेखांकित कथावाचक द्वारा किया गया और संवाद हीनता से दूर रहने की बात श्रोताओं के समक्ष रखी।
अपनी वाणी में अमृत घोल राधे राधे बोल के भाव का तबला,बासुरी, हरमोनियम आदि के वाद्य यंत्रों के साथ भगवान की स्तुति क्या खूब जमकर की गई, राधा कृष्ण की झांकी के अदभुत, अलौकिक शास्त्रीय संगीतमय मैं जब देर रात्रि में भक्ति गीत पर घड़े से पानी कि मानो अमृतधारा सुधार से सराबोर कलाकारों द्वारा शानदार अभिनय के माध्यम से दुर्लभ कार्यक्रम किया गया तो, मानो साक्षात वृंदावन में रास रचाने के दृश्य का सजीव जीवंत झांकी प्रस्तुत कर फूलों की वर्षा जमकर भक्तों द्वारा की गई और डांडिया का नृत्य प्रस्तुत किया गया।
इस मौके पर मुख्य जजमान शांति प्रकाश जायसवाल पत्नी सुमन देवी ने भगवान ठाकुर जी का आरती किया। साथ ही अतिथि सुभाष सिंह विंध्याचल जिला मिर्जापुर जो दिव्यांग सामाजिक शैक्षिक सहयोगात्मक का कार्य संचालन करते हैं मौजूद रहे। पंडित ह्रदय शर्मा एमवी योग संस्थान विंध्याचल, पंडित तदव्य शर्मा एमबी योग संस्थान विंध्याचल विशेष शिक्षा भारत सरकार, बच्चा ठाकुर हिंडालको रेणुकूट, रजनीश कुमार सिंह हिंडालको रेणुकूट, शशीकांत मिश्रा रेणुकूट रविंद्र सिंह रेणुकूट, राजन चौधरी सेवानिवृत्त जिला जज, डॉ संजय कुमार, राजेश्वर प्रसाद उर्फ राजू, दिलीप कुमार पांडेय जिला मंत्री भाजपा, सूरज देव, अवधेश कुमार जायसवाल, प्रेमचंद आढ़ती , भोला आढ़ती साथ ही आयोजन समिति के मुख्य संयोजक डॉक्टर हर्षवर्धन, धर्म प्रसाद जायसवाल, निरंजन जायसवाल, प्रभाकर प्रजापति, मनीष कुमार जयसवाल, शैलेश कुमार जयसवाल, एवं समस्त ग्राम वासी नगर वासी दुद्धी हजारों की संख्या में आस्था के साथ मौजूद रहे।
संचालन भारतीय जनता पार्टी के मनोज कुमार मिश्र एडवोकेट द्वारा किया गयाl भंडारे का प्रसाद व आरती के उपरांत कथा विसर्जन किया गया, आज भगवान श्री राम सीता का विवाह होना सुनिश्चित है आयोजक मंडल ने सज धज कर कथा श्रोता को उपस्थित होने की अपील किया हैl