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क्रांति सेनानी महारानी लक्ष्मीबाई की पुण्य तिथि पर शत शत नमन

संपादकीय -सुरेश गुप्त ‘ग्वालियरी’-विंध्यनगर,सिंगरौली(सोनप्रभात)
आँखों से लगती थी ज्वाला,
दम दम दम दम दमक रही थी!!
चली शेरनी आज समर में,
गम गम गम गम गमक रही थी!!
दोनों हाथों की तलवारें,
चम चम चम चम चमक रही थी!!
देख देख दुश्मन की टोली,
दह दह दह दह दहक रही थी!!
अपनी झाँसी कभी न दूंगी,
चह चह चह चह चहक रही थी!!
चली गयी पर खुसबू उसकी,
मह मह मह मह महक रही थी!!
– सुरेश गुप्त ‘ग्वालियरी’