Sonbhadra News : सरकारी स्कूल में पढ़ाई के समय गमछा पहन मास्टर साहब निजी कार की धुलाई करते दिखे, बच्चे बने मूकदर्शक।
- सोनभद्र (Sonbhadra) में इस तरह के मामले अनेकों देखने को मिल जाते हैं।
- ठंडी के मौसम में बच्चे धूप में बैठकर देखते रहे कार की धुलाई। – Sonbhadra News
सोनभद्र / आशीष गुप्ता – अनिल अग्रहरि/ सोन प्रभात
सोनभद्र (Sonbhadra) जनपद के चोपन (Chopan) विकासखंड के कोटा ग्राम पंचायत अबाडी में मास्टर साहब बच्चों को पढ़ाने के बजाए अपना गाड़ी धोने में व्यस्त हो गए, जहाँ एक तरफ सरकार अपने विद्यालयों को नए मॉडल के लिए तरह तरह की बजट पास करके अच्छी शिक्षा बच्चों को मिले, इसका प्रयास कर रही हैं। जहाँ ज्ञान बांटा जाता है,वह स्थान मन्दिर से कम नहीं होता है। लेकिन इसी मंदिर में यदि ऐसे गुरु हो जाए जो विद्यालय बच्चों को सवारने की जगह अपनी गाड़ी सवारते रह जाएंगे।
चोपन विकासखंड के कोटा ग्राम पंचायत का मामला
ऐसा ही एक मामला विकास खण्ड चोपन (Chopan) अंतर्गत ग्राम पंचायत कोटा क्षेत्र के टोला आबाड़ी प्राथमिक विद्यालय में प्रकाश में आया । इस विद्या मंदिर के गुरु ने अपने ही मन्दिर को बना दिया सर्विस स्टेशन ऐसा ही एक तश्वीर सामने आया हैं कि आप देख कर दंग रह जाएंगे । प्राप्त जानकारी के अनुसार इस विद्या मंदिर में तैनात शिक्षक ने सोमवार को स्कूल बच्चों को एक तरफ बैठा कर वही अपना कपड़ा उतार कर गमछा पर होकर अपनी निजी वाहन को धोने लगे जैसे मानो अपने घर पर कार धो रहे हो।
रविवार की छुट्टी के बाद सोमवार को रहा यह हाल
आपको बताते चले कि अभी कुछ दिन पहले बेसिक शिक्षा विभाग ने तथाकथित अधिसूचना जारी किया था कि कोई भी विद्यालय में बिना आदेश के किसी पत्रकार, मीडिया कर्मी को अंदर जाने का आदेश नही है। ताकि वहा के अध्यापक बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान और किसी के द्वारा परेशान न हो, लेकिन उस आदेश के कारण आज विद्यालयों में मनमाना तरीके से वहां के अध्यापक नजर आ रहे हैं। जिस तरह से तश्वीर सामने आई हैं उससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह क्या शिक्षा बच्चों को देते होंगे।
Also Read : Sonbhadra News : सोनभद्र की माटी ने दिया भारतीय थल सेना को 22 वर्षीय लेफ्टिनेंट।
सोनभद्र में इस तरह की घटनाएं आम क्यों होती जा रही हैं?
इससे पहले भी सोनभद्र (Sonbhadra) से विद्यालयों की कई तस्वीरें सामने आई, जिसमें बच्चे तालाब में बर्तन धोते तो कही मेन गेट गिर जाने से छात्र की मौत जैसी बड़ी घटनाएं घटित हो चुकी है, फिर भी शिक्षा व्यवस्था में कोई आशातीत सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। आवश्यकता है, शिक्षा विभाग के उच्च स्तरीय अधिकारियों को इन सभी छोटे बड़े पहलुओं पर सख्त होकर दिशानिर्देशित करने का जिससे सोनभद्र (Sonbhadra) की शिक्षा व्यवस्था में सुधार देखा जा सके।