डाला बाजार अंतर्गत कार्यों की गुणवत्ता को लेकर तरह – तरह की बातें, जिम्मेदारों की भूमिका पर उठे सवाल।
डाला / सोनभद्र – अनिल अग्रहरि/ सोन प्रभात
डाला/सोनभद्र – डाला बाजार नगर पंचायत बना ठेकेदारों का गढ़, मनमाने ढंग से काम कराना व जांच के नाम पर अधिकारी द्वारा खानापूर्ति आम बात बन कर रह गया है। नगर पंचायत- डालाबाजर अंतर्गत कार्यों की गुणवक्ता पर सवाल उठने लगे है। नव सृजित नगरपंचायत का पहली बार चुनाव हुआ जिसमें क्षेत्र में विकास के नाम पर खुशियों की भरामा की कमी नही दिखी वही अधिकारी व जिम्मेदारों की नजर अंदाजी से नगर का विकास मुह चिढा रहा है।
नगर पंचायत के क्षेत्रों में गरीबी रेखा के नीचे भी जीवन यापन करने वाले मजदूरों की संख्या ज्यादा है। वही ठेकेदार नगर पंचायत के जगह बाहर से मजदूर लाना मुनासिब समझता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर में जिन ठेकेदारों द्वारा काम कराया जा रहा हैं। इनकी जांच की जाय तो जुर्माना भरने में पसीने छूटने लगेंगे परन्तु एक कहावत चरितार्थ है कौन सुनेगा किसको सुनाए। इन बातों का कोई प्रभाव मनमानी करने वाले ठेकेदार व अधिकारी के ऊपर नही पड़ता नगरवासी काम के लिए परेशान है कि कैसे पेट भरा जाय और वही ठेकेदारों द्वारा JCB मशीन द्वारा कार्य कराया जा रहा है। और इस कार्य मे जे.ई की भूमिका संदिग्ध है। कई कार्योंमें सामने आने आने से कतराते है। आखिर सुदृढ़ विकास कैसे हों।