gtag('config', 'UA-178504858-1'); डाला-खींचातानी के बीच सम्पन्न हुआ जनसुनवाई,जनसुनवाई लगते ही रोड पर होता है पानी का छिड़काव नहीं तो बंद - सोन प्रभात लाइव
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डाला-खींचातानी के बीच सम्पन्न हुआ जनसुनवाई,जनसुनवाई लगते ही रोड पर होता है पानी का छिड़काव नहीं तो बंद

डाला/अनिल कुमार अग्रहरि/सोनप्रभात

डाला सोनभद्र – बिल्ली मारकुंडी स्थित समाजिकता से दूरी बनाते हुए कुछ चिन्हित बुलाये गए लोगो के बीच जन सम्पर्क का कार्य मेसर्स . महाकाल इंटरप्राइजेज , प्रो0 — आनंद शंकर दुबे खनन सम्बन्धित पर्यावरणीय स्वीकृति में अनापत्ति सम्बन्धित बिल्डिंग स्टोन गिट्टी/बोल्डर डोलोस्टोन खनन परियोजना आराजी स0 -7407क में क्षेत्रफल 1.5300 हे0 जिसकी उत्पादन 48960 घन मीटर प्रतिवर्ष या 122400 टन प्रतिवर्ष , ग्राम -बिल्ली मारकुंडी , तहसील – ओबरा जनपद- सोनभद्र UP के सम्बंध में बिल्ली मारकुंडी ग्रामपंचायत के बॉडी स्थित प्राथमिक विद्यालय पर जन संपर्क/जनसुनवाई रक्खी गयी । ना ही कोई अलाउंस किया गया और ना ही लोगों को सूचना दी गयी ।जिसमे स्थानीय लोगों के विचारों को नजर अंदाज कर सुनते हुए सुविधओं को ध्यान में रखने का अस्वाशन देते हुए

अपरजिलाधिकारी समक्ष निर्णय प्रस्तावित करने का प्रस्ताव रक्खा गया जिसमें जनताओं में काफी आक्रोश रहा।
आक्रोश का विषय समापन तक रहा कि डाला क्षेत्र बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में अत्यधिक भारी ब्लास्टिंग व पर्यावरण से जन जीवन ट्रस्त है जिसके सम्बन्ध में जनसम्पर्क के समय खनन व्यवसायी ने बताया कि वर्ष में एक बार मेडिकल कैम्प लगा दिया जाएगा। इस सम्बंध में बिल्ली मारकुंडी के डाला खनन क्षेत्र में लगभग वर्तमान में छोटे-बड़े करके आधा दर्जन के करीब खदान संचालित है। जिनके द्वारा पर्यावरण सन्तुलन व भारी ब्लास्टिंग की मार यहां की निवासी झेल रहे है।


अपरजिलाधिकारी ने बताया कि बृक्षारोपण का कार्य किया जाय जबकि लगभग 5 दशकों से क्रशर संचालित है और किसी प्रकार का प्रदूषण नियंत्रण के प्रति क्रशर स्वामी व खननं स्वामी द्वारा कोई सुलभ कार्यवाही नही हुई। लोगों ने बताया कि 365 दिन में मात्र एक दिन के मेडिकल कैम्प से क्षेत्र का विकास कैसे सम्भव है। जब कि क्षेत्र में विमारी से त्राहि-त्राहि मची है। स्थानीय लोगों में प्रभाकर, हँसराज साथ दर्जनों ने पर्यावरणीय स्वीकृत पर विरोधात्मक विरोध में बताया की हम सभी अपरजिलाधिकारी को लिखित शिकायत करेंगे। जिससे मानक की लिखित अस्वाशन पर ही आपत्ति दी जाय।

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