gtag('config', 'UA-178504858-1'); दुष्कर्म के दोषी मोहम्मद गनी को एससी/एसटी एक्ट में उम्रकैद। - सोन प्रभात लाइव
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दुष्कर्म के दोषी मोहम्मद गनी को एससी/एसटी एक्ट में उम्रकैद।

  • दो लाख 25 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
  • अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख 80 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।
  • साढ़े 3 वर्ष पूर्व अपहरण कर दलित नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म का मामला।                    

सोनभद्र / राजेश पाठक / सोन प्रभात

सोनभद्र। साढ़े तीन वर्ष पूर्व दलित नाबालिग  लड़की का अपहरण कर उसके साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर  दोषी मोहम्मद गनी  को उम्रकैद एवं दो लाख 25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख 80 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।


अभियोजन पक्ष के मुताबिक अनपरा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता की मां ने अनपरा थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि  उसकी नाबालिग बेटी 20 अगस्त 2020 से गायब हो गई है। बेटी का पता सभी संभावित जगहों पर लगाया, लेकिन कहीं पता नहीं चला। उसकी नाबालिग बेटी को मोहम्मद गनी पुत्र स्वर्गीय नान्हक निवासी कुलडोमरी टोला वियहवा, थाना अनपरा, जिला सोनभद्र अक्सर फोन करता था और उससे कहता था कि तुम घर वर अच्छा नहीं पाई हो। उसे पूर्ण विश्वास है कि उसकी बेटी को बहला फुसलाकर अपहरण करके मोहम्मद गनी ही कहीं रखा है। इस तहरीर पर पुलिस ने 9 सितंबर 2020 को अपहरण की एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। दौरान विवेचना पुलिस ने मोहम्मद गनी के साथ उसकी बेटी को बरामद कर लिया। विवेचक ने बयान लेने के बाद  पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में अपहरण, दुष्कर्म, पाक्सो एक्ट और एससी/एसटी एक्ट में में  चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी मोहम्मद गनी को उम्रकैद एवं  दो लाख 25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।  वहीं अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख 80 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।

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