gtag('config', 'UA-178504858-1'); होटल ग्रीन स्टार में 109वीं जन्म जयंती पर विचार एवं गोष्ठी का हुआ आयोजन। - सोन प्रभात लाइव
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होटल ग्रीन स्टार में 109वीं जन्म जयंती पर विचार एवं गोष्ठी का हुआ आयोजन।

  • राष्ट्रवाद , अंत्योदय , एकात्म मानवतावाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का जीवन सर्वकालीन श्रेष्ठतम उदाहरण – पo दीनदयाल उपाध्याय विचार मंच दुद्धी।    

                                                                                  DUDDHI जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी ब्यूरो चीफ सोनभद्र                        

 दुद्धी सोनभद्र बुधवार को होटल ग्रीन स्टार दुद्धी में अंत्योदय एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की 190वीं जन्म जयंती पर विचार एवं गोष्ठी का आयोजन गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी किया गया ।

संगोष्ठी की अध्यक्षता पंडित दीनदयाल उपाध्याय विचार मंच के अध्यक्ष साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित साहित्यकार डॉ लवकुश प्रजापति द्वारा किया गया । डॉक्टर लवकुश प्रजापति ने अपने उद्बोधन में कहा कि बुद्धि आत्मा का सम्यक चिंतन का ब्रह्म आत्मा से मिलना एकात्म मानववाद है । अंतिम व्यक्ति का सर्वांगीण अंकुरण उदय हो , यहीं तो अन्त्योदय है। सही मायने में अत्यंत शोषित वंचित का उत्थान का सपना साकार हों ऐसा पुनीत विचार उपाध्याय जी का था।

वरिष्ट उपाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद राय ने कहा कि आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी नहीं है परंतु उनका विचार जीवंत है अंत्योदय का सपना साकार प्रधान मंत्री जी सभी को अन्न, सभी का आयुष्मान कार्ड के तहत मुक्त उपचार , पीएम श्रमिक योजना आदि के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाकर सब का साथ सबका विकास पर सरकार नई दिशा अंतिम व्यक्ति के विकास को दे रही है। कवि हृदय डॉक्टर लखन राम जंगली ने अपनी उद्बोधन में कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी रचनात्मक और अनामिका का सहोदराना सम्बन्ध है जिसका श्रेष्ठतम उदाहरण पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का रचनात्मक समकालीन जीवन है ।

उपाध्याय जी मंच के पीछे काम करते और श्रेय से सदा पीछे रहते । पंडित जी के एकात्म मानववाद को तीन महा मनीषी तुल्य लोगों ने परिभाषित किया जिसमें उन्होंने स्वयं दूसरे श्रद्धेय माधव सदाशिव गोलवरकर जी तीसरे भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक श्रद्धेय दंतोपंत ठेंगड़ी द्वारा दुनिया के प्रचलित सभी वादों अर्थात इज्म चाहे वह साम्यवाद हो पूंजीवाद हो या समाजवाद ऐसे सभी वादों के सृजनकर्ता को दार्शनिक कहा गया जबकि एकात्म मानववाद के प्रणेता को दृष्टा । सही मायने में एकात्मक मानववाद सनातन की आत्मा का स्वरूप है । उपाध्यक्ष मनोज सिंह बबलू, विंध्यवासिनी प्रसाद , डॉक्टर संजय गुप्ता , भोला अग्रहरी, शिव शंकर गुप्ता एडवोकेट , डॉ कृष्ण कुमार चौरसिया , छत्तीसगढ़ से आई माधुरी मानिकपुरी , संरक्षक जगदीश्वर प्रसाद जायसवाल , प्रेमचंद यादव एडवोकेट, जवाहरलाल अग्रहरि, प्रधान प्रतिनिधि निरंजन जायसवाल, सभासद राकेश कुमार आजाद आदि द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्म जयंती एवं जीवित्पुत्रिका के पावन पर्व की बधाई सहित भारतीय संस्कृति को अपनाने,अंत्योदय के सपने को सरकार के लिए जमीनी स्तर पर जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रयास किए जाने , विकास के लिए जनप्रतिनिधियों की जवाब देही तय करने हेतु हस्तक्षेप करने सहित गैर जिम्मेदाराना बयान विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा दिए जाने एवं जाति, वर्ण , क्षेत्रवाद के कारण देश को आंतरिक रूप से कमजोर करने पर करारा प्रहार विचार मंच के प्रबुद्ध जनों द्वारा किया गया । विचार मंच के अध्यक्ष डॉ प्रजापति एवं डॉक्टर जंगली जी द्वारा प्रेरक काव्य पाठ प्रस्तुत किया गया । जिसकी मुक्त कंठ से प्रशंसा मंच परिवार द्वारा की गई । कार्यक्रम का शुभारंभ पंडित दीनदयाल जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण पुष्प एवं दीप प्रज्वलंन कर किया गया । विचार मंच गोष्ठी कार्यक्रम का संचालन महामंत्री जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी द्वारा किया गया। इस मौके पर डॉ विनय कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र तिवारी , डॉ राज बहादुर सिंह, उमेश चंद्र गुप्ता एडवोकेट, अनमोल अग्रहरि,अजय धनेंद्र जायसवाल एडवोकेट, सहित प्रभाकर प्रजापति ,हेमंत कुमार, मनोज कुमार आदि उपस्थित रहे ।

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