पंचायत निर्वाचक नामावली में एक व्यक्ति का नाम दो-दो, तीन-तीन ग्राम पंचायतों में, बीएलओ की भूमिका संदिग्ध।
- पंचायत चुनाव को प्रभावित करने की मन्शा, ग्राम पंचायत या जिला पंचायत चुनाव को प्रभावित कर सकते हैंं ऐसे मतदाता।
- जिलाधिकारी महोदय से हस्तक्षेप करने की माँग,एक ही परिवार का नाम बघाडू व सुन्दरी ग्राम पंचायत में दर्ज।
- एक ही परिवार के व्यक्तियों का नाम बैरखड़ व सुन्दरी गांव में दर्ज, कई ग्राम पंचायतों में मिलेंगे ऐसे लोगों का नाम।
- भाजपा नेता डीसीएफ चेयरमैन ने अन्तिम मतदाता सूची से ऐसे लोगों का नाम हटाने की माँग की।
- केवल सुन्दरी ग्राम पंचायत में डेढ़ सौ लोगो का नाम अवैध।
दुद्धी – सोनभद्र
जितेंद्र चन्द्रवंशी /आशीष गुप्ता – सोनप्रभात
(दुद्धी)सोनभद्र– चुनाव आयोग की मन्शा को विफल करने में लगे कुछ बीएलओ और जिम्मेदार अधिकारी की निष्क्रियता के कारण एक ही परिवार के लोगो का नाम दो या अधिक ग्राम पंचायतों की मतदाता सूची में दर्ज है जिसके कारण मतदान प्रभावित हो सकता है या यूं कहा जाए कि इसका लाभ ऐसे लोगों को दो दो जगहों पर मिल सकता है, जो लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है।
भारतीय लोकतंत्र में किसी मतदाता का नाम किसी भी ग्राम पंचायत में या नगर पंचायत में सिर्फ एक जगह ही हो सकता है, यदि किसी व्यक्ति का नाम एक ग्राम पंचायत में है और वह दूसरे ग्राम पंचायत में निवास कर रहा है तो जहाँ वह निवास कर रहा है वहाँ की मतदाता सूची में नाम दर्ज कराता है, इसके लिए चुनाव आयोग द्वारा जिले के निर्वाचन अधिकारी द्वारा बीएलओ की बाकायदा ड्यूटी लगाई जाती हैं जो यह देखता है कि कौन व्यक्ति कहाँ निवास कर रहा है? संदिग्ध होने पर वह पता लगाकर नाम जोड़ता है लेकिन लोकतंत्र की हत्या करने की फिराक में लगे लोग जानबूझकर ऐसा करते हैं जो अपने निर्वाचन प्रणाली के लिए ठीक नहीं है और ना ही हो सकता है। कुछ लोग जिनका निवास उस ग्राम पंचायत में नही है फिर भी अपना नाम दूसरे गांवो में बढ़वा लेते हैं या इनके पीछे एक गैंग काम करता है जो दबंगई या अपने प्रभाव के बल पर मतदाताओं का नाम कटने नही देता है क्योंकि ऐसे लोग चुनाव को प्रभावित करने का काम करेंगे।
जैसे मान लिया जाए कि अ, ब और स का नाम तीन स्थानों पर है और अ को चुनाव लड़ना है तो जहाँ से आरक्षण के अनुसार सीट आएगा, वहाँ ब और स के सहयोग से चुनाव लड़कर जीत हासिल कर लेंगे और वास्तविक मतदाता जो लोकतंत्र में विश्वास रखता है उसके विश्वास की हत्या हो जाएगी जो भारतीय लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है ,ऐसे लोगों का नाम अविलम्ब कटना चाहिए।
भाजपा नेता डीसीएफ चेयरमैन सुरेन्द्र अग्रहरि से जब कुछ लोगो ने इस बाबत जानकारी दी तो उन्होंने मतदाता सूची देखा और पाया कि मतदाता सूची में खामियां हैं जिसको दुरुस्त किया जाना आवश्यक है।
ग्राम पंचायत बैरखड़ के वार्ड 5,6 ,7 व 8 में 1361 से 1368 तक दर्ज नाम मकान संख्या 131 क पर अंकित है ,वही नाम बभनी ब्लॉक के विस्थापित ग्राम पंचायत सुन्दरी के क्रम संख्या 1990 से 2008 के बीच मकान संख्या 175 पर दर्ज है।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत बघाडू के मकान संख्या 605 पर दर्ज नाम 5194 से 5201 का मिलान ग्राम पंचायत सुंदरी के मकान संख्या 138 ,139,141,142 पर अंकित नाम क्रम संख्या 1597 से आगे तक किया जाए तो पता चलेगा कि उक्त नाम हूबहू वही है जो एक गैंग के अनुसार हुआ है ।
कुल मिलाकर बैरखड़, सुन्दरी व बघाडू की मतदाता सूची में दर्ज नाम का पुनः सत्यापन कर मतदाता सूची बनाई जाए लगभग 400 से ऊपर फर्जी नाम मिलेंगे जो चुनाव आयोग के लिए हितकर नही है और ना ही विस्थापित गाँव के हित में है।
भाजपा नेता सुरेन्द्र अग्रहरि ने जिलाधिकारी महोदय से माँग किया है कि उक्त तीनो गाँवो में दर्ज नामो का सत्यापन कराया जाए और उसके आधार पर चुनाव निष्पक्ष रूप से हो अन्यथा यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए चुनौती है।