प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुद बीमार कैसे हो ग्रामीणों का इलाज

बीजपुर/विनोद गुप्ता/सोनप्रभात
बीजपुर-32 साल से पुनर्वास के पंचायत भवन मे संचालित हो रहा स्वास्थ्य केंद्रकेंद्र और प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्र में मरीजों के सुख सुविधा दवा उपचार जाँच आदि के नाम पर करोड़ों रुपये महीना खर्च कर रही है लेकिन बीजपुर पुनर्वास प्रथम में लगभग 32 वर्षो से संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत दिनप्रति दिन खराब होती जा रही है यहाँ पर अपनी पहली पोस्टिंग के समय से तैनाती पाए एएनएम, स्वीपर ,वार्डब्याय,सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी अब रिटायर्ड होने के करीब पहुँच चुके हैं 30 साल पुराने और एक ही जगह जमे कर्मचारी डियूटी कम राजनीति में अधिक रुचि लेरहे हैं ऐसा लगता है जैसे मरीज दवा कराने नही बल्कि इनसे भीख मांगने आया हो एएनएम सहित पुरुष स्वास्थ्य कर्मी इतने घाघ हो गए हैं कि यहाँ डॉक्टर के ऊपर ही खुद

शासन करते हैं।मामला पिछले मंगलवार का है जब कुछ पत्रकार और मरीजों के सामने ही एक एएनएम ने किसी बात पर डॉक्टर को फटकार लगाते हुए अपने हद में रहने की सलाह देदी और कहा कि हम तो यही से रिटायर होंगे लेकिन आप अपना देखिये।गौरतलब हो कि इस स्वास्थ्य केंद्र पर खून जांच के लिए कोई ब्यवस्था नही है मरीजों को बाहर के चिन्हित मेडिकल स्टोर से दवा लिखी जाती है। कुत्ता काटने पर म्योरपुर सीएचसी 50 किलोमीटर या जिला चिकित्सालय 150 किलोमीटर दूर भेजा जाता है। कम्पाउंडर का कार्य स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात एक स्वीपर कम वार्डब्याय करता है जिससे स्वास्थ्य केंद्र पर आए मरीज अपने को ठगा महसूस करते हैं।चिन्हित प्राइवेट अप्रशिक्षित पैथालॉजी सेंटर गरीब मरीजों की जेब काट रहे हैं कुल मिला कर यहाँ देखा जाय तो कुछ टूटी फूटी कुर्सियाँ कुछ मेज बेंच और टेबुल तथा एक दो साबूत बेड के अलावा यहाँ कुछ भी नही है यह स्वास्थ्य केंद्र तीन दशक से एनटीपीसी रिहन्द द्वारा बनवाएं गए पंचायत भवन में संचालित है। पाँच बेड का यह अस्पताल वर्तमान समय मे खुद बीमार चल रहा है और डॉक्टर सहित स्वास्थ कर्मी प्राइवेट पैथोलॉजी और मेडिकल स्टोर से मिलने वाले मोटे कमीशन खोरी में मस्त राजाबाबू बने घूम रहे हैं।सीएमओ अश्वनी कुमार ने कहा कि शिकायत मिली है जांच कराया जाएगा जाएगा।