gtag('config', 'UA-178504858-1'); रामचंद्र हत्याकांड: दो को 10-10 वर्ष की कैद,50-50 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद। - सोन प्रभात लाइव
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रामचंद्र हत्याकांड: दो को 10-10 वर्ष की कैद,50-50 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद।

सोनभद्र – राजेश पाठक / जितेंद्र चंद्रवंशी – सोन प्रभात

  • साढ़े चार वर्ष पूर्व टोना-भूत की रंजिश में हुई थी हत्या
  • अर्थदंड में से 40 हजार रुपये की धनराशि वादिनी को मिलेगी

सोनभद्र। साढ़े चार वर्ष पूर्व टोना- भूत की रंजिश को लेकर हुई रामचंद्र की हत्या के मामले में सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषियों ओमप्रकाश व राजकुमार को 10-10 वर्ष की कैद एवं 50-50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। वहीं अर्थदंड में से 40 हजार रुपये वादिनी को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक चोपन थाने में 14 दिसंबर 2017 को दी तहरीर में बहेरा खाड़ी गांव की इंद्रमनी पत्नी रामचंद्र ने आरोप लगाया था कि उसके पति रामचंद्र बाहर से घर आए और जंगल लकड़ी लेने के लिए चले गए। तभी देवर सहदेव का बेटा ओमप्रकाश व भांजा राजकुमार पुत्र बासदेव भी जंगल की ओर चले गए और घर से थोड़ी दूर पहुंचे ही थे कि दोनों उसके पति को टोना-भूत के रंजिश को लेकर बेरहमी से मारने-पीटने लगे। चिल्लाने की आवाज सुनकर जब मौके पर गई तो पति गिरे हुए थे। मौके से दोनों उसे देखकर भाग गए। जब दवा-इलाज के लिए पति को ले जा रही थी तो उनकी मौत हो गई। इस तहरीर के आधार पर अभियुक्त गण ओम प्रकाश और राजकुमार के विरुद्ध धारा 304 आईपीसी में मुकदमा अपराध संख्या 273 सन 2017 पंजीकृत किया गया। विवेचना के उपरांत अभियुक्तगणों के विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किए जाने के उपरांत सत्र परीक्षण संख्या 49 सन 2018 रूप में विचारण सत्र न्यायालय सोनभद्र द्वारा किया गया। अभियोजन द्वारा कुल 9 साक्षियों को परीक्षित किया गया और अभियोजन की तरफ से अभियुक्त गण के विरुद्ध न्यायालय द्वारा धारा 304 भाग 2 में अपराध सिद्ध पाते हुए 10-10 वर्ष के कठोर कारावास तथा 50-50 हजार रुपये प्रत्येक पर अर्थदंड लगाया गया। अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड जमा किए जाने के उपरांत उसमें से 40 हजार रुपये वादिनी को बतौर प्रतिकर मिलेगा। जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञानेंद्र शरण राय राज्य सरकार की ओर से अपने तर्क रखे।

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