फ्लोरोसिस नियंत्रण विचार संगोष्ठी में वैज्ञानिकों ने सुझाए उपाय।
- नदियों ,पेड़ और पहाड़ों की कराह भी सुनने का करे प्रयास।
दुद्धी – सोनभद्र / जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी ब्यूरो चीफ सोन प्रभात –
सोनभद्र स्थानीय म्योरपुर ब्लॉक क्षेत्र के गोविंदपुर स्थित बनवासी सेवा आश्रम विचित्रा महा कक्ष में मंगलवार को दो दिवसीय फ्लोरोसीस नियंत्रण विचार संगोष्ठी का आयोजन अतिथियों के दीप प्रज्वलन के साथ शुरू हुआ और डा विभा ने गोविंदपुर कुस्महां में तीन वर्षो में फ्लोरोसिस नियंत्रण के उपाय पर किए गए प्रयोग से आए बदलाव की जानकारी दी।
लोक विज्ञान संस्थान देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक डां. अनिल कुमार गौतम ने दोनों गांवो में पूर्व की स्थिति, उसके बाद अध्ययन, जलस्रोत की जांच,तथा प्रभावित लोगो को शुद्ध पानी, पोषण, और आयुर्वेदिक दवाओं के प्रयोग से आए बदलाव की विस्तृत जानकारी दी। अध्यक्षता कर रहे साहित्यकार अजय शेखर, ने कहा कि आज हवा पानी,मिट्टी और आकाश के साथ मन भी प्रदूषित हो गया है यह सब प्रकृति के दोहन का परिणाम है। नदियों पहाड़ो और पेड़ो के सिसकने की आवाज भी सुनने की वकालत करते हुए शेखर ने कहा की उधोग जरूरी है लेकिन उसकी सीमा तय होनी चाहिए साथ ही स्वावलंबन की तरफ बढ़ना होगा बिड़ला कार्बन एचआर प्रमुख जय कोकाटे सीएसआर हिंडालको राजेश सिंह ने उद्योग या कारखाना पर्यावरण के हित के साथ समुदाय के हित में काम कर रहे है।
कोशिश है की प्रदूषण बिल्कुल ना फैलाए और उसके लिए काम भी किया जा रहा है।ग्राम प्रधान प्रेमचंद, दिनेशजायसवाल, संत कुमार, मंजूदेवी राजपति आदि ने एनसीएल एनटीपीसी के प्रतिनिधियों के कार्यशाला में न दुखद बताया और कहा की प्रदूषण के लिए सभी जिम्मेदार है और कोई प्रयास कर रहा है तो उस प्रयास में शामिल होना चाहिए और अपना प्रयास बताना चाहिए साथ ही फ्लोराइड की समस्या को लेकर उचित कदम उठाने की मांग के साथ दो गांव में किए गए प्रयास की सराहना की साथ ही उसे प्रभावित गावो में भी प्रयोग की बात कही। शुभा प्रेम ने समुदाय आधारित शुद्ध पेयजल प्रबंधन पर बल दिया । मौके पर विमल सिंह, प्रेम नारायण,प्रमोद, मोती लाल,डा दीनबंधु देवनाथ सिंह,मानमती, संगीता, सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे। संचालन शिव शरण सिंह ने किया।